इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बाहुबली नेता और पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) द्वारा जेल में बिताई गई अवधि की जेल अधीक्षक से रिपोर्ट मांगी है. कोर्ट ने पूछा है कि क्या मुख्तार अंसारी ने गैंगस्टर मामले में सुनाई गई सजा की अवधि से अधिक समय जेल में बिता ली है.
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दरअसल, याची अधिवक्ता उपेंद्र उपाध्याय ने कहा कि गाजीपुर की एमपी-एमएलए विशेष अदालत ने गैंगस्टर मामले में मुख्तार अंसारी को 10 साल की सजा सुनाई है, जबकि वह 12 साल से अधिक समय से जेल में बंद है. दी गई सजा पूरी कर ली है. इसलिए रिहा किया जाए. याची अधिवक्ता ने जेल में बिताई गई अवधि का एक प्रमाण पत्र भी कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया. इस पर कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा कि क्या मुख्तार अंसारी ने 10 साल से अधिक की सजा काट ली है.
कोर्ट ने गाजीपुर जिला अदालत से पहले ही रिकार्ड तलब कर लिया है. बताया गया कि अंसारी को गैंगस्टर एक्ट के तहत साल 2010 में ही कस्टडी रिमांड में ले लिया गया था और तब से वह लगातार जेल में बंद है.
बता दें कि केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की एक विशेष अदालत ने माफिया-नेता मुख्तार अंसारी की ओर से दाखिल धनशोधन के एक मामले में क्लीन चिट दिए जाने का अनुरोध करने वाली याचिका खारिज कर दी थी. आदेश पारित करते हुए न्यायाधीश अनुरोध मिश्रा ने कहा था कि अंसारी के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए प्रथम दृष्टया सबूत हैं. अदालत ने उनके खिलाफ आरोप तय करने के लिए 13 सितंबर की तारीख तय की थी.
मुख्तार पर सात नवंबर 2022 को धनशोधन रोकधाम कानून के तहत मामला दर्ज किया गया था. आरोप है कि उन्होंने एक निर्माण फर्म से अवैध तरीके से करोड़ों रुपये कमाए, जिस पर उन्होंने जबरन कब्जा कर लिया था और जिसमें उनकी पत्नी आफ्सा अंसारी और उनके बहनोई आतिफ राजा साझेदार थे.
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