उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने राज्य में संक्रमण को लेकर सतर्कता बरतने की हिदायत देते हुए एहतियात के तौर पर जांच बढ़ाने और राज्य के सभी जिलों में कोविड अस्पताल चिह्नित करने के निर्देश दिए हैं. राज्य सरकार के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी.
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राज्य सरकार के प्रवक्ता ने यहां बताया कि मुख्यमंत्री ने सोमवार को राज्य में कोविड-19 और इन्फ्लुएंजा की स्थिति का आकलन करने के लिए ‘टीम-09’ के साथ उच्च-स्तरीय बैठक की.इस बैठक में उन्होंने कोविड-19 के नये स्वरूप और इन्फ्लुएंजा संक्रमण से बचाव के सिलसिले में जरूरी दिशा-निर्देश दिए.
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश में कोविड-19 पूरी तरह से नियंत्रण में है। राज्य में इस वक्त प्रति 10 लाख की आबादी पर मात्र एक ही संक्रमित मरीज है. वर्तमान में राज्य में 262 संक्रमितों का इलाज हो रहा है और किसी मरीज की स्थिति गंभीर नहीं है. इस समय देश में किए जा रहे कोविड-19 संबंधी जांच के करीब 35-40 प्रतिशत परीक्षण उत्तर प्रदेश में किये जा रहे हैं, लेकिन सतर्कता और सुरक्षा के मद्देनजर इसे और बढ़ाए जाने की जरूरत है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘देश में कोविड-19 के बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्य के सभी 75 जिलों में फौरन कोविड-19 उपचार के लिए विशेष तौर पर अस्पताल चिन्हित किए जाएं। पूर्व में स्थापित सभी ऑक्सीजन संयंत्रों को फिर से क्रियाशील किया जाए. अस्पतालों/मेडिकल कॉलेजों को उपलब्ध कराए गए वेंटिलेटर चालू अवस्था में हों. पैरामेडिकल स्टाफ की तैनाती हो और जहां वेंटिलेटर हो वहां एनेस्थेटिक की तैनाती जरूर की जाए.’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि लखनऊ, गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर में कोविड-19 के सबसे ज्यादा मामले पाये गये हैं लिहाजा इन जिलों में खास सतर्कता की जरूरत है. लखीमपुर खीरी जिले के एक विद्यालय में संक्रमित पाये गये सभी लोगों की स्थिति ठीक है. सभी को पृथक-वास में रखा गया है. उनकी सेहत पर लगातार नजर रखी जाए.
आदित्यनाथ ने कहा, ‘‘देश में सबसे ज्यादा कोविड-19 रोधी टीकाकरण का कार्य उत्तर प्रदेश में ही हुआ है। ऐसे में किसी बड़े खतरे की आशंका कम ही है. आगामी दिनों में मंदिरों तथा अन्य धर्मस्थलों में लोगों की आवाजाही बढ़ेगी, ऐसे में संक्रमण बढ़ने की आशंका है। लिहाजा गंभीर रोगों से ग्रस्त लोग और बुजुर्ग व्यक्ति भीड़भाड़ वाले इलाकों में जाने से जहां तक हो सके परहेज करें. लोगों को मास्क लगाने के लिये फिर से जागरूक किया जाए.’’
मुख्यमंत्री ने कोविड-19 के साथ-साथ इन्फ्लूएंजा संक्रमण की आशंका वाले मरीजों की निगरानी के भी निर्देश देते हुए कहा कि आगामी 11-12 अप्रैल को पूरे राज्य में अस्पतालों में ‘मॉक ड्रिल’ करते हुए तैयारियों को परखा जाए.
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