उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात जिले (Kanpur Dehat News) में हाल ही में अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही के दौरान झोपड़ी में एक महिला और उसकी बेटी की जलकर हुई मौत के मामले को लेकर विपक्ष एकजुट हो गया है.
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सरकार को घेरने का मौका देखते हुए समाजवादी पार्टी ,कांग्रेस ,लेफ्ट और आरएलडी ने संयुक्त मोर्चा के रूप में एडीजी से मुलाकात कर सरकार को निशाने पर लिया.
घटना की निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर संयुक्त विपक्षी मोर्चा ने अपर पुलिस महानिदेशक आलोक सिंह को ज्ञापन दिया. ज्ञापन के माध्यम से दोषियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई करने की मांग की गई. पूर्व सांसद सुभाषिनी अली ने यूपीतक से बातचीत करते हुए कहा कि दबाव में आकर अधिकारियों ने पहले तो बुल्डोजर ड्राइवर को गिरफ्तार किया और फिर लेखपाल को, लेकिन मौके पर मौजूद सबसे वरिष्ठ अधिकारी एसडीएम जिसने निर्देश दिए उसके ऊपर कोई कार्यवाही नहीं हुई.
गौरतलब है कि पिछले सोमवार की शाम कानपुर देहात जिले के रूरा थाना इलाके के मडौली गांव में अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान प्रमिला दीक्षित (45) और उनकी बेटी नेहा दीक्षित (20) ने कथित तौर पर अपनी झोपड़ी में खुद को आग लगा ली जिससे दोनों की मौत हो गयी थी। उनकी झोपड़ी कथित रूप से ग्राम समाज की जमीन पर बनी थी.
अधिकारियों को आड़े हाथ लेते हुए सुभाषिनी अली ने कहा कि आग कैसे लगी यह जांच का विषय है, लेकिन अधिकारियों का काम मौके पर आग बुझाने का था. मां-बेटी को बचाने का था लेकिन इसके ठीक विपरीत उन्होंने उनकी मौत सुनिश्चित कर दी.
वहीं, आरएलडी के प्रदेश उपाध्यक्ष का कहना है की पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी जी ने घोषणा कर दी है कि कानपुर का जो कांड है इसे वे संसद तक उठाएंगे.
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