लखीमपुर खीरी हिंसा में मारे गए बीजेपी कार्यकर्ता से मिलने के बाद संयुक्त किसान मोर्चा से एक महीने के लिए निलंबित किए जाने पर किसान नेता योगेंद्र यादव ने अब अपनी प्रतिक्रिया दी है.
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उन्होंने एक बयान जारी कर कहा है, “लखीमपुर खीरी में चार शहीद किसानों और एक पत्रकार की श्रद्धांजलि सभा में भाग लेने के बाद मैं उसी घटना में मृतक बीजेपी कार्यकर्ता शुभम मिश्रा के घर गया था, उनकी शान में नहीं बल्कि उनके परिवार से शोक संवेदना व्यक्त करने के लिए. अपने विरोधियों के भी दुख में शरीक होना इंसानियत और भारतीय संस्कृति के अनुरूप है. जाहिर है आंदोलन में हर साथी इस राय से सहमत नहीं हो सकते और मेरी उम्मीद है कि इस सवाल पर एक सार्थक संवाद शुरू हो सकेगा.”
योगेंद्र ने आगे कहा, “मुझे खेद है कि यह निर्णय लेने से पहले मैंने संयुक्त किसान मोर्चा के अन्य साथियों से बात नहीं की. मुझे इस बात का भी दुख और खेद है कि इस खबर से किसान आंदोलन में जुड़े अनेक साथियों को ठेस पहुंची. मैं संयुक्त किसान मोर्चा की सामूहिक निर्णय प्रक्रिया का सम्मान करता हूं और इस प्रक्रिया के तहत दी गई सजा को सहर्ष स्वीकार करता हूं.”
बता दें कि लखीमपुर खीरी हिंसा में मारे गए बीजेपी कार्यकर्ता के परिवार से मिलने के मामले में योगेंद्र यादव को एक महीने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा से निलंबित किया गया है. वह संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) की कोर समिति के सदस्य रहे हैं. यह मोर्चा केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ पूरे देशभर में आंदोलन कर रहा है. लखीमपुर खीरी जिले में 3 अक्टूबर को हुई हिंसा में आठ लोग मारे गए थे.
लखीमपुर खीरी हिंसा: BJP कार्यकर्ता के घर जाने पर एसकेएम ने योगेंद्र यादव को निलंबित किया
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