लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में क्राइम ब्रांच ने 13 अक्टूबर को गिरफ्तार किए गए अंकित दास और पुलिस रिमांड पर चल रहे आशीष मिश्रा का आमना-सामना कराया. इस दौरान दोनों को आमने-सामने बिठाकर करीब 1 घंटे तक उनसे सवाल जवाब किए गए.
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पूछताछ के दौरान अंकित दास ने माना कि वह नेपाल चले गए थे. उन्होंने बताया कि घटना के बाद उन्होंने लखनऊ में पहली रात अपने फ्लैट में बिताई, फिर होटल में रुकने के बाद 8 अक्टूबर को वह नेपाल चले गए.
अंकित दास ने घटना के वक्त फॉर्च्यूनर गाड़ी में आशीष मिश्रा के होने से इनकार किया. लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में गाड़ियों के जिस काफिले पर किसानों को रौंदने के आरोप लगे हैं, उसमें फॉर्च्यूनर भी शामिल थी.
अंकित दास ने दावा किया कि फॉर्च्यूनर पर हमला हुआ था, जिसको देखकर गाड़ी तेजी से चला रहे थे. उन्होंने यह भी दावा किया कि किसी ने फायरिंग नहीं की थी.
गाड़ी पर हमले की बात पर अफसरों ने पूछा कि फॉर्च्यूनर तो कहीं से नहीं टूटी, पीछे का शीशा भी नहीं टूटा तो फिर हमला कैसे हुआ? इस पर अंकित दास कोई जवाब नहीं दे पाए.
सीजेएम चिंता राम की कोर्ट ने अंकित दास को 3 दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड में भेजने का आदेश दिया है. अंकित दास 14 अक्टूबर सुबह 10 बजे से 17 अक्टूबर सुबह 10 बजे तक पुलिस कस्टडी रिमांड पर रहेंगे. वहीं, इस मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा 15 अक्टूबर की सुबह 10 बजे तक पुलिस रिमांड पर हैं.
बता दें कि तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी जिले के तिकुनिया इलाके में हुई हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोग मारे गए थे.
लखीमपुर खीरी हिंसा: आरोपी अंकित दास गिरफ्तार, 22 अक्टूबर तक ज्यूडिशियल कस्टडी में
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