चुनाव के बीच अयोध्या डीएम आवास के बोर्ड का रंग बदला गया, भगवा से हुआ हरा, चर्चे हुए तेज

बनबीर सिंह

• 03:18 PM • 02 Mar 2022

चुनावों में संकेतों के काफी मायने होते हैं और हर छोटी-छोटी बात के राजनीतिक मायने निकाले जाते हैं. जैसे अभी अयोध्या की एक घटना के…

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चुनावों में संकेतों के काफी मायने होते हैं और हर छोटी-छोटी बात के राजनीतिक मायने निकाले जाते हैं. जैसे अभी अयोध्या की एक घटना के राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं. असल में अयोध्या में जिलाधिकारी नीतीश कुमार के आवास के बोर्ड का रंद भगवा से बदलकर पुराने हरे रंग में कर दिया गया है. अब इसको लेकर समाजवादी पार्टी प्रत्याशी ने मजे लेते हुए कहा है कि अधिकारी मौसम वैज्ञानिक होते हैं, वो बदलाव को पहले ही भांप लेते हैं.

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अयोध्या में ऐसा तब हुआ है जब गुरुवार, 3 मार्च को यूपी विधानसभा चुनावों के छठे चरण की वोटिंग होने जा रही है. हालांकि जिलाधिकारी अयोध्या कहते हैं इस बारे में उन्हें कुछ नहीं मालूम. वह लोक निर्माण विभाग यानि पीडब्ल्यूडी से बात करने को कह रहे हैं, जबकि पीडब्ल्यूडी का कोई भी अधिकारी इस बारे में बात करने को तैयार नहीं है. यही वजह है कि अब इस कवायद पर सियासी अटकलें खूब लगाई जा रही हैं.

समझिए पूरी कहानी को

दरअसल 24 अक्टूबर 2021 को अयोध्या के तत्कालीन जिला अधिकारी अनुज कुमार झा का ट्रांसफर हुआ था. उनके स्थानांतरण के पहले से ही अयोध्या जिला अधिकारी के निवास का नए सिरे से निर्माण होना शुरू हुआ. इसी कारण जिलाधिकारी के आवास को लोक निर्माण विभाग के गेस्ट हाउस में अस्थाई तौर पर स्थानांतरित कर दिया गया. अयोध्या के मौजूदा जिलाधिकारी नीतीश कुमार ने जब से कार्यभार ग्रहण किया तब से उनका यही आवास और कैंप कार्यालय है.

उस समय जिलाधिकारी के इस आवास के बाहर जो बोर्ड लगाया गया उसका रंग भगवा था और उस पर सफेद रंग से जिलाधिकारी आवास लिखा गया था. बुधवार को अचानक इसी बोर्ड को बदल दिया गया. अब हरे रंग के बोर्ड पर सफेद रंग से जिलाधिकारी आवास लिखा हुआ है. रंगों की इसी बदलाव के बीच सियासी चर्चा ने भी जोर पकड़ लिया है कि अचानक बोर्ड का रंग बदलने की पीछे की वजह क्या है. अब जाहिर है सियासी चर्चा होगी तो उसके मायने भी निकाले जाएंगे और इसको लेकर अटकलें भी लगाई जाएंगी.

टाइमिंग को लेकर भी उठे सवाल

जब उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव पूरी तरह संपन्न नहीं हुए हैं. हर विधानसभा पर एक-एक वोट को लेकर संघर्ष चल रहा है. इसके लिए हर सियासी दांवपेच आजमाए जा रहे हैं. ऐसे समय में अयोध्या जैसे चर्चित जनपद के जिलाधिकारी आवास के बोर्ड का रंग भगवा से हरा करना चर्चा का विषय ही नहीं कई सवालों को जन्म भी दे रहा है. समाजवादी पार्टी से जुड़े लोग इसके अलग सियासी मायने निकाल रहे हैं और इसकी अपने अनुसार व्याख्या भी कर रहे हैं. इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह झंडो के रंगों को आधार बताया जा रहा है जिसमें भाजपा के झंडे में भगवा और सपा के झंडे में हरा रंग है, तो लोग अब रंग बदलने की कवायद का मजा ले रहे है. सियासी चर्चाएं हो रही हैं, सो अलग.

क्या कहते हैं अधिकारी: जिलाधिकारी आवास के बोर्ड का रंग भगवा से हरा हुआ और इसको लेकर सोशल मीडिया पर चर्चाएं शुरू हुई तो यूपी तक ने अयोध्या के जिलाधिकारी नीतीश कुमार से इस बारे में सच जानना चाहा. डीएम नीतीश कुमार कहते हैं कि वह लोक निर्माण विभाग के अतिथि गृह में अस्थाई तौर पर रहते हैं क्योंकि जिलाधिकारी आवास निर्माणाधीन है. इस बारे में लोक निर्माण विभाग से उन्होंने बात की, तो बताया गया है कि लोक निर्माण विभाग के इस अतिथि गृह पर पहले जो बोर्ड लगा था, वह हरे रंग का था इसलिए बोर्ड बदला गया है.

अब सवाल यह है कि अगर अतिथि गृह के बोर्ड का रंग हरा था तो भगवा रंग के बैकग्राउंड वाला बोर्ड क्यों लगाया गया. अगर लगाया गया तो मौजूदा समय में अचानक बदल कर हरा क्यों किया गया. इस बारे में हमने लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता रमाशंकर यादव से बात करने की कोशिश की, लेकिन लगातार उनका नंबर स्विच ऑफ रहा. वही लोक निर्माण विभाग से जुड़े कोई भी अधिकारी इस मामले पर बात करने को तैयार नहीं है.

समाजवादी पार्टी प्रत्याशी ने ने कहा, अधिकारी होते हैं मौसम वैज्ञानिक

जाहिर है चुनाव के समय संकेतों और अटकलों के बड़े मायने होते हैं. अयोध्या के जिलाधिकरी आवास के बोर्ड का रंग भगवा से हरा होने के पीछे समाजवादी पार्टी कार्यकर्ता तर्क दे रहे हैं कि इसका मतलब यह है कि अखिलेश आ रहे हैं और योगी जा रहे हैं. अयोध्या सदर से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी तेज नारायण पांडे ने कहा कि अधिकारी सबसे बड़े मौसम वैज्ञानिक होते हैं. उन्हें पहले से पता लग जाता है कि कौन सरकार आ रही है और कौन सरकार जा रही है.

हालांकि अयोध्या में 27 मार्च को मतदान हो चुका है, लेकिन यूपी में अभी 2 चरणों का मतदान बाकी है. ऐसे में 6वें चरण के मतदान के 1 दिन पहले इस तरह की अटकलों ने कई सवाल खड़े किए हैं और जाहिर है इसको लेकर चर्चाएं भी खूब होंगी.

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