दिल्ली से मेरठ रैपिड रेल: आरआरटीएस का पहला ट्रेनसेट तैयार, जानें कब गाजियाबाद पहुंचेगा कोच

वरुण सिन्हा

ADVERTISEMENT

UPTAK
social share
google news

दिल्ली से मेरठ तक रैपिड रेल का काम तेजी से चल रहा है. साल 2024 तक पूरा करने के इस सपने की तैयारी पूरी है. उम्मीद है कि इसका पहला चरण 2023 तक शुरू हो जाएगा. ऐसे में अब इसके अत्याधुनिक कोच को डिलीवरी शुरू 7 मई को की जाएगी, जो 14 मई तक गाजियाबाद आएगी.

एनसीआरटीसी के एमडी विनय कुमार सिंह ने बताया, “तैयारी हमने पूरी कर ली है. जल्द ही ये कोच ट्रेन के रूप में लोगों के सामने होंगे. हमारा काम तेज गति से चल रहा है. हमारी कोशिश है कि जल्द-से-जल्द रैपिड रेल को सवारी आम लोग कर पाएं और वो भी बेहतर सुविधा के साथ.”

भारत के पहले आरआरटीएस कॉरिडोर का पहला ट्रेनसेट बनकर तैयार हो गया है और 7 मई 2022 को भारत सरकार के आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के सचिव की उपस्थिति में आयोजित होने वाले एक समारोह में एनसीआरटीसी को सौंप दिया जाएगा.

पूर्णत: ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत, यह अत्याधुनिक आरआरटीएस ट्रेन 100 प्रतिशत भारत में, गुजरात के सावली में स्थित एल्सटॉम के कारखाने में निर्मित किए जा रहे हैं.

एल्स्टॉम द्वारा ट्रेनों को एनसीआरटीसी को सौंपने के बाद इसे बड़े ट्रेलरों पर दुहाई डिपो में लाया जाएगा, जिसे गाजियाबाद में दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के परिचालन के लिए तीव्र गति से विकसित किया जा रहा है. इस डिपो में इन ट्रेनों के संचालन और रखरखाव की सभी सुविधाओं का निर्माण कार्य पूरा होने वाला है.

यह भी पढ़ें...

ADVERTISEMENT

यह हैंडिंग ओवर समारोह शनिवार को एल्स्टॉम (पहले बॉम्बार्डियर) के निर्माण संयंत्र में आयोजित किया जा रहा है, जहां आरआरटीएस ट्रेनसेट की चाबियां एनसीआरटीसी को सौंप दी जाएंगी.

भारत की पहली आरआरटीएस ट्रेनों के इंटीरियर के साथ इसकी कम्यूटर-केंद्रित विशेषताओं का हाल ही में 16 मार्च, 2022 को दुहाई डिपो, गाजियाबाद में अनावरण किया गया था. 180 किमी/घंटे की डिजाइन स्पीड, 160 किमी/घंटे की ऑपरेशनल स्पीड और 100 किमी/घंटे की ऐवरेज स्पीड के साथ ये आरआरटीएस ट्रेनें भारत में अब तक की सबसे तेज ट्रेनें होंगी.

इन अत्याधुनिक आरआरटीएस ट्रेनों में एर्गोनॉमिक रूप से डिजाइन की गई 2×2 ट्रांसवर्स कुशन सीटिंग, खड़े होने के लिए चौड़े स्थान, लगेज रैक, सीसीटीवी कैमरे, लैपटॉप / मोबाइल चार्जिंग सुविधा, डायनेमिक रूट मैप, ऑटो कंट्रोल एम्बिएंट लाइटिंग सिस्टम, हीटिंग वेंटिलेशन और एयर कंडीशनिंग सिस्टम (HVAC) और अन्य सुविधाएं होंगी. वातानुकूलित आरआरटीएस ट्रेनों में स्टैंडर्ड के साथ-साथ महिला यात्रियों के लिए आरक्षित एक कोच और प्रीमियम वर्ग (प्रति ट्रेन एक कोच) का कोच होगा.

ADVERTISEMENT

सावली में स्थित एलस्टॉम का मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट पहले आरआरटीएस कॉरिडोर के लिए कुल 210 कारों की डिलीवरी करेगा. इसमें दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर पर क्षेत्रीय परिवहन सेवाओं के संचालन और मेरठ में स्थानीय मेट्रो सेवाओं के लिए ट्रेनसेट शामिल हैं.

आरआरटीएस कॉरिडोर का निर्माण कार्य तीव्र गति से चल रहा है. ट्रेनों के आने के बाद इस साल के अंत तक प्रायोरिटी सेक्शन पर शुरुआती ट्रायल रन शुरू होने की उम्मीद है. साहिबाबाद से दुहाई के बीच 17 किलोमीटर के प्रायोरिटी सेक्शन को 2023 तक और पूरे कॉरिडोर को 2025 तक चालू करने का लक्ष्य है.

अगले साल साहिबाबाद से दुहाई तक दौड़ेगी रैपिड रेल? देखें तस्वीरें, जानें स्पीड और खासियतें

ADVERTISEMENT

    follow whatsapp

    ADVERTISEMENT