'सलमान से नहीं चाहते थे जंग पर...', लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने ली बाबा सिद्दीकी की हत्या की जिम्मेदारी, यूपी के निकले दो शूटर

अरविंद ओझा

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Baba Siddique  Murder Case : देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में शनिवार शाम एनसीपी के वरिष्ठ नेता बाबा सिद्दीकी की बांद्रा में उनके कार्यालय के पास गोली मारकर हत्या कर दी गई. वहीं अब इस हत्याकांड की जिम्मेदारी लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने ली है. बता दें कि इस हत्याकांड से जुड़ा लॉरेंस बिश्नोई गैंग का एक फेसबुक पोस वायरल हो रहा है. इस पोस्ट में गैंग ने दावा किया है कि वे सलमान खान से कोई लड़ाई नहीं चाहते थे, पर जो भी सलमान खान और दाऊद गैंग की हेल्प करेगा, अपना हिसाब किताब लगा के रखना.  हमारे किसी भी भाई को कोई भी मरवाएगा, तो हम प्रतिक्रिया जरूर देंगे.  

पुलिस ने किया ये खुलासा

वहीं बाबा सिद्दीकी मर्डर केस में मुंबई पुलिस ने बताया कि यह एक कॉन्ट्रेक्ट किलिंग है. तीनों शूटरों की पहचान हो गई है. दो को गिरफ्तार कर लिया गया है. एक अब भी फरार है. मुंबई पुलिस अब माइस्टर माइंड को तलाश रही है. तीसरे आरोपी की पहचान शिव कुमार नाम के शूटर से हुई है, उत्तर प्रदेश का रहने वाला है.  बाबा सिद्दीकी की हत्या के मामले को लेकर पुलिस ने हरियाणा और उत्तर प्रदेश पुलिस से सहायता मांगी है. घटना में गिरफ्तार किए गए दोनों शूटरों के बारे में जानकारी हासिल की जा रही है.  

यूपी के रहने वाले हैं दो शूटर

मुंबई पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपियों की पहचान गुरमैल बलजीत सिंह, जो हरियाणा का रहने वाला है, और धर्मराज कश्यप, जो उत्तर प्रदेश से है, के रूप में हुई है.  तीसरा फरार शूटर भी उत्तर प्रदेश के बहराइच का ही रहने वाला बताया जा रहा है. तीसरा शूटर शिवकुमार उर्फ शिवा गौतम है, जो कैसरगंज थाना क्षेत्र के गंडारा गांव का रहने वाला है.  उत्तर प्रदेश पुलिस शूटर धर्मराज कश्यप और शिवकुमार की जानकारी एकत्रित कर रही है. धर्मराज का आपराधिक रिकॉर्ड और पृष्ठभूमि की गहराई से जांच की जा रही है.

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 शिव कुमार करीब 5-6 सालों से पुणे में एक स्क्रैप व्यापारी के यहां काम करता था. शिव ने कुछ महीनों पहले धर्मराज को भी पुणे काम के लिए बुलाया था. सुपारी देने वाले व्यक्ति ने शिव और धर्मराज से गुरमैल की मुलाकात कराई थी. गुरमैल पर हत्या का एक मामला भी दर्ज है. दोनों आरोपियों का फिलहाल कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं मिला है, पुलिस पता लगाने में जुटी है.

मिले थे इतने रुपए

धर्मराज कश्यप और शिवकुमार गौतम मूल रूप से पुणे में मजदूरी का काम करते थे. दोनों कैसे मुंबई पहुंचे और इस घटना में कैसे शामिल हो गए? पुलिस टीम इस मामले की गहराई से जांच कर रही है और दोनों के मुंबई पहुंचने के पीछे की साजिश को जानने का प्रयास कर रही है. मुंबई पुलिस ने पकड़े गए शूटरों के बारे में जानकारी जुटाने के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस से संपर्क किया है. जानकारी के अनुसार, प्रत्येक शूटर को उनके खर्चों के लिए 50-50 हजार रुपये दिए गए थे, हालांकि, इस पूरे षड्यंत्र के पीछे के हैंडलर की शिनाख्त अभी बाकी है.
 

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