UPPSC RO, ARO Prelims Exam: उत्तर प्रदेश में PCS और RO-ARO एग्जाम को लेकर बदल दिए गए ये नियम, स्टू़डेंट्स चेक करें लेटेस्ट अपडेट

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Prayagraj UPPSC Protest Updates:: प्रयागराज में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) के बाहर आरो-एआरओ और पीसीएस एग्जाम के सैकड़ों प्रतियोगी छात्रों के प्रदर्शन के बीच एक बड़ा अपडेट सामने आया है. छात्रों की मुख्य मांग थी कि आयोग 'वन डे-वन शिफ्ट' में एग्जाम करवाए और इसी पर अब बड़ा फैसला आया है. छात्रों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) को समन्वय और संवाद स्थापित कर जल्द समाधान निकालने के निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री की पहल के बाद UPPSC ने एक अहम निर्णय लेते हुए घोषणा की है कि पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा 2024 अब 'वन डे-वन शिफ्ट' में आयोजित की जाएगी. वहीं, RO-ARO परीक्षा फिलहाल स्थगित कर दी गई है. मालूम हो कि लेटेस्ट फैसला लेने से पहले सरकार ने अपने एक नियम में बदलाव किया है. जानें क्या था वो नियम?  

सरकार ने बदला कौनसा नियम?

मालूम हो कि सरकार ने 19 जून 2024 को एक शासनादेश पारित किया था. इसके तहत सरकार ने फैसला लिया था कि अगर किसी भी परीक्षा में 5 लाख से ज्यादा छात्र शामिल होंगे तो उस परीक्षा को एक से ज्यादा शिफ्ट में आयोजित कराया जाएगा. इसी के आलोक में सरकार ने आरो/एआरओ और पीसीएस परीक्षा को एक से ज्यादा शिफ्ट में आयोजित कराने का फैसला किया था.  मगर छात्रों के भारी विरोध के बाद सरकार पीछे हट गई है. 

 

आयोग के सचिव ने क्या तर्क दिया था?

यूपी लोक सेवा आयोग के सचिव अशोक कुमार ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया था, "आयोग का दिशानिर्देश है कि सरकारी शिक्षण संस्थान को ही परीक्षा केंद्र बनाया जाए और केंद्र मुख्यालय से 10 किलोमीटर के दायरे में हो. इससे पूर्व जब पेपर लीक हुआ था तो इन्हीं छात्रों ने मांग उठाई थी कि निजी संस्थानों को परीक्षा केंद्र ना बनाया जाए."
 

उन्होंने कहा था, "जब सरकार ने छात्रों की मांग पर विचार करते हुए दिशानिर्देश बनाया तो अब ये छात्र विरोध कर रहे हैं. पीसीएस परीक्षा के लिए 5,76,000 परीक्षार्थियों का पंजीकरण है, जबकि सभी 75 जनपदों में 4,35,000 परीक्षार्थियों के लिए ही केंद्र मिल पा रहे हैं. ऐसे में दो दिन परीक्षा कराना मजबूरी है." 

 

 

आयोग ने बयान जारी कर कहा था, "परीक्षाओं की शुचिता और छात्रों के भविष्य को संरक्षित करने के उद्देश्य से परीक्षाएं केवल उन केंद्रों पर कराई जा रही हैं, जहां किसी प्रकार की गड़बड़ियों की कोई संभावना नहीं है. पूर्व में दूर-दराज के परीक्षा केंद्रों में कई प्रकार की गड़बड़ियां संज्ञान में आयी हैं, जिसे खत्म करने के लिए इन केंद्रों को हटाया गया है.”
 

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