अतुल पर निकिता के पहले केस की कहानी जिसका निपटारा आजतक नहीं हुआ और उसे देनी पड़ी जान

संतोष शर्मा

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Atul Subhash case
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UP News: बेंगलुरु के आईटी प्रोफेशनल अतुल सुभाष का मामला इस समय देशभर में चर्चा का विषय है. अतुल ने अपनी जान देने से पहले 23 पन्नों का नोट और डेढ़ घंटे की वीडियो छोड़ी है. इसमें अतुल सुभाष ने हैरान कर देने वाले आरोप अपनी पत्नी निकिता सिंघानिया, सास, साले और जौनपुरी फैमिली कोर्ट की जज रीता कौशिक पर लगाए हैं.

अब इस पूरे केस ने देश में दहेज प्रथा के मामलों में हो रहे शोषण और अदालती कामकाज पर सवाल खड़े कर दिए हैं. अतुल सुभाष और उसके परिवार पर जौनपुर के रहने वाली पत्नी निकिता सिंघानिया ने कुल 9 केस दर्ज करवाए थे. हालांकि इनमें से कई केस पत्नी ने यह कह कर वापस ले लिए कि वह केस उसकी बिना मर्जी के दर्ज करवाए गए थे और उसके वकील ने फाइल कर दिए. लेकिन जिस केस की प्रक्रिया आज भी लंबित है, वो मामले क्या थे और अतुल सुभाष पर निकिता ने क्या आरोप लगाए थे? 

जौनपुर कोतवाली में 24 अप्रैल 2022 को लिखी गई एफआईआर

अतुल सुभाष की पत्नी निकिता सिंघानिया ने जौनपुर कोतवाली में 24 अप्रैल 2022 को क्राइम नंबर 115 / 2022 पर ipc की धारा 498/ 323/ 504/ 506 और 3/4 दहेज प्रथा अधिनियम के तहत केस दर्ज करवाया था. FIR में पति अतुल सुभाष मोदी के साथ अतुल की मां अंजू देवी, पिता पवन मोदी और छोटे भाई विकास मोदी भी नामजद आरोपी बनाए गए थे.

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पत्नी ने ये लगाया था आरोप

एफआईआर में दर्ज है, 26 अप्रैल 2019 को अतुल और निकिता सिंघानिया की शादी वाराणसी के हिंदुस्तान इंटरनेशनल होटल से हुई. शादी के बाद से ही अतुल सुभाष और उसका परिवार 10 लाख रुपए दहेज में मांगने लगा था. पति शराब पीकर मारपीट करता. पति-पत्नी के रिश्तों में हैवानियत की जाती थी. पत्नी निकिता की सैलरी को भी पति अतुल अपने अकाउंट में ट्रांसफर करवा लेता था. 

पत्नी निकिता की तरफ से दर्ज एफआईआर में लिखवाया गया, 16 अगस्त 2019 को सास और ससुर ने निकिता के जौनपुर में मायके जाकर 10 लाख रुपए मांगे. इसके चलते अगले ही दिन यानी 17 अगस्त 2019 को निकिता के पिता की मौत हो गई. लोगों के समझाने पर पति अतुल सुभाष पत्नी निकिता को बेंगलुरु लेकर आ गया और साथ में रहने लगा. अतुल के साथ उसकी मां भी रहने लगी.

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17 मई 2021 को अतुल ने सुबह निकिता और उसकी के साथ मारपीट की और उसे फ्लैट से बाहर निकाल दिया. वहां की पुलिस से शिकायत की गई और पुलिस ने कपड़े और दस्तावेज निकिता को दिलवाए. इसके बाद निकिता और उसकी मां वापस जौनपुर आ गए. बता दें कि पत्नी निकिता ने अतुल से बेटे के लिए 2 लाख रुपये महीना मेंटेनेंस की भी मांग की और इसको लेकर भी केस दायर किया. 

अतुल ने अपने आखिरी नोट में पत्नी निकिता के सभी आरोपों पर दी सफाई

बता दें कि अतुल सुभाष ने अपने 23 पेज के नोट में पत्नी निकिता सिंघानिया की तरफ से दर्ज कराई गई एफआईआर के एक-एक आरोप पर मय सुबूत के सफाई दी है.

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अतुल ने 23 पन्नों के नोट में ये लिखा

अतुल सुभाष ने लिखा कि निकिता से उनकी मुलाकात shaadi.com के जरिए हुई थी. समस्तीपुर बिहार में निकिता अपने सास ससुर के बीच सिर्फ शादी के 2 दिन तक ही रही. उसके बाद वह अतुल सुभाष के साथ बेंगलुरु चली गई. दो दिनों में निकिता अपने ससुर से ही एक या दो बार मिली. 

नोट में अतुल सुभाष ने शराब पीकर मारपीट करने पर साफ लिखा है कि उसके जैसी मजबूत काठी वाला व्यक्ति अगर मारपीट करेगा तो कहीं हड्डी टूटती, खून निकलता, मारपीट का निशान पड़ता, कोई वीडियो, कोई फोटो होता, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ और ना ही ऐसा होने पर पुलिस को ही सूचना दी गई. 

निकिता के पिता की मौत को लेकर अतुल का पक्ष

एफआईआर में निकिता ने आरोप लगाया कि ससुरालवालों ने 10 लाख रुपए मांगे, जिसके आघात से उसके पिता की मौत हो गई. अतुल के मुताबिक, कोर्ट में दिए बयान में निकिता ने साफ कहा कि उसके पिता लंबे समय से बीमार चल रहे थे. वह हार्ट के मरीज थे. दिल्ली के एम्स से इलाज हो रहा था. उनकी अचानक तबियत बिगड़ी और उन्हें वाराणसी के अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई. निकिता ने अपने पिता की मौत के बाद पति और ससुराल वालों पर हत्या का एक और केस कोर्ट के आदेश पर दर्ज करवाया था. मगर निकिता ने कहा था कि उसे कोर्ट के द्वारा दर्ज केस की जानकारी नहीं है.

10 लाख रुपए दहेज मांगे जाने पर अतुल सुभाष ने नोट में लिखा, उसने खुद ही व्यापार के लिए ससुराल वालों को 15 लाख रुपए दिए थे. लेकिन ससुराल वालों ने अपने बिजनेस में पैसा लगाने के बजाय एक करोड़ का घर खरीद लिया. जब उसने पैसे वापस मांगना शुरू किया तो अप्रैल 2021 में उसे सिर्फ डेढ़ लाख रुपए वापस किए गए. अतुल ने लिखा कि जो व्यक्ति खुद 40 लाख रुपये की नौकरी कर रहा हो, वह 10 लाख रुपये दहेज के क्यों मांगेगा.

पति-पत्नी के संबंध में हैवानियत को लेकर नोट में अतुल ने ये कहा

पत्नी निकिता ने पति-पत्नी के संबंध में हैवानियत का भी आरोप लगाया था. इसको लेकर अतुल ने नोट में लिखा कि सिर्फ कह देने से हैवानियत या आप्राकृतिक संबंध नहीं होते. इसे साबित करना होता है और सुबूत होना जरूरी है.
120 बार परिवार पेशी के लिए जौनपुर कोर्ट आया

नोट में अतुल ने लिखा, दहेज प्रथा में केस दर्ज होने के बाद वह बेंगलुरु से, उसका छोटा भाई दिल्ली से और उसके बूढ़े मां-बाप बिहार से लगभग 120 बार जौनपुर कोर्ट में पेशी के लिए आए. जिस व्यक्ति को साल भर में सिर्फ 23 छुट्टियां मिलती हो, वह निजी तौर पर 40 बार कोर्ट की पेशी पर पहुंचा है. सुसाइड नोट के जरिए अतुल सुभाष ने न सिर्फ अपने और परिवार के ऊपर दर्ज केस को लेकर सुबूत के साथ दलील दी बल्कि अदालत प्रक्रिया में कैसे प्रताड़ना होती है, उसका भी जिक्र किया. 

फिलहाल अतुल सुभाष के सुसाइड नोट के जरिए लगाए गए आरोप पर हमने निकिता सिंघानिया की मां निशा सिंघानिया से उनका पक्ष जानने की कोशिश की, लेकिन वह कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हुई.

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