कौन है अनुराग दुबे उर्फ डब्बन जिसके केस की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यूपी पुलिस को रगड़ दिया?
UP News: अनुराग दुबे के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर सख्त टिप्पणी की है. दरअसल ये पूरा मामला गैंगस्टर अनुराग दुबे से संबंधित है, जिसके खिलाफ हत्या, जमीन हड़पने, जबरन वसूली और अन्य अपराधों से संबंधित 63 से अधिक एफआईआर दर्ज हैं.
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UP News: फर्रुखाबाद के गैंगस्टर अनुराग दुबे के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर सख्त टिप्पणी की है. दरअसल ये पूरा मामला गैंगस्टर अनुराग दुबे से संबंधित है, जिसके खिलाफ हत्या, जमीन हड़पने, जबरन वसूली और अन्य अपराधों से संबंधित 63 से अधिक एफआईआर दर्ज हैं. अनुराग के खिलाफ एनएसए, गुंडा एक्ट समेत कई गंभीर मामले दर्ज हैं. अनुराग के बड़े भाई का नाम अनुपम दुबे है, जिसके खिलाफ हत्या समेत कई गंभीर केस दर्ज हैं.
दरअसल अनुराग दुबे ने अग्रिम जमानत की याचिका सुप्रीम कोर्ट में लगाई थी. इसी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने यूपी पुलिस को खूब खरी-खोटी सुनाई है. सुप्रीम कोर्ट ने जहां भूमि हड़पने के मामले में अनुराग दुबे को अग्रिम जमानत दी तो वहीं यूपी पुलिस को लेकर बेहद सख्त टिप्पणी की.
सुप्रीम कोर्ट ने यूपी पुलिस को लेकर ये कहा
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ ने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस सिर्फ पावर एंजॉय कर रही है. पुलिस को संवेदनशील बनाया जाना चाहिए. पुलिस की लापरवाही और असंवेदनशील रवैए का जिक्र करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपके डीजीपी क्या कर रहे हैं? अगर आप रिपोर्ट दर्ज नहीं करेंगे तो हम ऐसा आदेश देंगे कि आपको याद रहेगा.
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सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा, जमीन खरीद का बिक्री अभिलेख है और आप जमीन हड़पने का दावा करते हैं. आपकी पुलिस किस खतरनाक क्षेत्र में प्रवेश कर रही है? आप पुलिस और सिविल कोर्ट की शक्ति को एक मान रहे हैं? बड़े आरोपों की जांच होनी चाहिए. ऐसा नहीं है कि समाज में अपराधी नहीं हैं या गैंगस्टर नहीं हैं, लेकिन सबकी जांच होनी चाहिए.
याचिकाकर्ता को एक केस और दर्ज होने का डर
कोर्ट ने पुलिस से पूछा कि आप कह रहे हैं कि आरोपी पूछताछ के लिए नहीं आ रहा है. लेकिन क्या आपने जांच नहीं की कि आखिर वह क्यों नहीं आ रहा है? आरोपी के वकील ने कहा कि कि ये आरोप गलत हैं. वकील का कहना है कि उसे भी जब बुलाया जाता है तो वह हर बार उपस्थित रहता है.
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इसपर यूपी पुलिस की तरफ से पेश हुए वकील ने दलील दी कि पुलिस पत्र के जरिए समन भेज रही है. ये सुनते ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप आज कल के जमाने में पत्र कैसे भेज रहे हैं? कोर्ट ने कहा, उसे उसके मोबाइल पर कॉल करें. आपको उसे यह भी बताना है कि उसे किस पुलिस स्टेशन में पेश होना है. इतने सारे पुलिस स्टेशन हैं कि आपको उसे यह भी बताना है कि इस बार रेड कार्पेट कहाँ है. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता को डर है कि उसकी गिरफ्तारी को सही ठहराने के लिए उसके खिलाफ एक और केस दर्ज कर लिया जाएगा. ये सुनिश्चित हो कि व्यक्ति की स्वतंत्रता से समझौता किए बिना चल रही जांच में कोई बाधा न आए.
इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा, हम निर्देश पारित करते हैं कि आरोपी आज एसएचओ को फोन नंबर दें. फोन 24 घंटे चालू रहेगा. इनमें से किसी भी मामले का जांच अधिकारी आरोपी को मामले की जांच का समय, तारीख और स्थान बता सकता है. आरोपी को नोटिस का जवाब देना होगा और जांच में शामिल होना होगा. इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसी भी परिस्थिति में याचिकाकर्ता को उसके खिलाफ चल रहे मामलों या किसी नए मामले में अदालत की पूर्व अनुमति के बिना गिरफ्तार नहीं किया जाएगा.
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कौन है अनुराग दुबे?
बता दें कि फर्रुखाबाद के गैंगस्टर अनुराग दुबे उर्फ डब्बन के खिलाफ धोखाधड़ी, मारपीट और जालसाजी के कई मामले दर्ज हैं. एनएसए, गुंडा एक्ट के तहत भी केस दर्ज हैं. अनुराग दुबे के भाई का नाम अनुपम दुबे है और वह बसपा नेता है. उसके खिलाफ भी हत्या समेत कई गंभीर मामले दर्ज हैं.
आरोप है कि ये दोनों भाई गैंग चलाते हैं और क्षेत्र में दहशत फैलाते हैं. इलाके में इनकी खूब दादागिरी चलती है. माना जाता है कि इन दोनों का 100 करोड़ से ऊपर का साम्राज्य है. इनकी गिनती यूपी के बाहुबली माफियाओ में की जाती है.
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