जब जमीन पर कब्जा करने पहुंचा था माफिया! लखनऊ के कारोबारी ने सुनाई अतीक के खौफ की दास्तां
Uttar Pradesh News: साबरमती जेल में बंद अतीक अहमद (Atiq Ahmed) पिछली सरकारों में काफी बेखौफ था. उसके खौफ अंदाजा केवल इस बात से लगाया…
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Uttar Pradesh News: साबरमती जेल में बंद अतीक अहमद (Atiq Ahmed) पिछली सरकारों में काफी बेखौफ था. उसके खौफ अंदाजा केवल इस बात से लगाया जा सकता है कि उसे प्रयागराज से लेकर लखनऊ तक जो भी जमीन पसंद आती उसपर कब्जा कर लेता. अतीक के गुर्गे असलहों से लैस होकर उस जमीन पर पहुंचकर अपना दावा ठोक देते थे और व्यापारी को धमकाकर कहते कल तक जमीन तुम्हारी थी अब आज से यह जमीन अतीक भाई की हुई.
अतीक के खौफ का था ऐसा आलम
ऐसा ही वाकया समाजवादी पार्टी की सरकार में अगस्त 2015 में लखनऊ के बड़े व्यापारी और होटल व्यवसाई सुशील गुरनानी के साथ हुआ. सुशील गुरनानी की पीजीआई इलाके में कीमती जमीन थी. 14 अगस्त 2015 को अचानक उन्हें खबर मिलती है कि कुछ असलहधारी लोग उनके खाली पड़े प्लॉट पर पहुंचे हैं और कब्जा करने जा रहे हैं. सुशील गुरनानी जब कागज लेकर जमीन पर पहुंचे तो वहां अतीक अहमद के गुर्गे असलहो के साथ खड़े थे और दावा कर रहे थे कि जमीन अतीक भाई की है, तुमने गलत तरीके से खरीदी है.
बिजनसमैन ने सुनाई अपनी कहानी
अतीक अहमद के लोगों ने कैसे सुशील गुरनानी की जमीन पर कब्जा करने की कोशिश की और फिर अगले दिन सुशील गुरनानी को धमकाने के लिए खुद अतीक अहमद अपने लाव लश्कर के साथ उनके होटल पहुंच गया और चैलेंज कर गया कि मेरी तस्वीर जहां भेजनी हो जिसको दिखानी हो दिखा लो,जहां शिकायत करनी हो कर दो लेकिन अब यह जमीन छोड़ दो. सुशील गुरनानी ने यूपी तक को खुद अपनी कहानी बताई.
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धमाने के लिए खुद पहुंचा था अतीक
सुशील गुरनानी ने यूपी तक को बताया कि, ‘जिस जमीन को मैंने सालों पहले खरीद लिया था. सरकारी दस्तावेजों में जमीन सालों से हमारे नाम दर्ज थी. हमारा कब्जा भी था लेकिन उस जमीन पर अतीक के गुंडों ने पहुंचकर धमकी दी कि कल तक यह जमीन तुम्हारी थी अब यह जमीन अतीक भाई की है. हम जब तक मदद मांगने की सोचते, अगले दिन अतीक अहमद खुद अपने गुंडों के साथ मेरे हजरतगंज स्थित होटल सिल्वेटे आ गया.’
माफिया ने दी थी ये धमकी
सुशील गुरनानी ने बताया कि, ‘अतीक अहमद के होटल में घुसते ही अफरा तफरी मच गई. उसने धमकी दी कि सीसीटीवी बंद कर दो फिर कहा मेरी फोटो खींच लो और यह फोटो अखिलेश से लेकर डीजीपी जहां मन हो वहां भेज देना. लेकिन अगर यह जमीन नहीं छोड़ी तो तुम अपना सोच लेना क्या होगा. मैंने तत्कालीन मुख्य सचिव आलोक रंजन से शिकायत की. आलोक रंजन की मदद से मैं लखनऊ के डीएम रहे राजशेखर और एसएसपी राजेश पांडे से मिला.
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डीएम साहब ने तत्काल एसडीएम की निगरानी में एक टीम बनाई, एसएसपी राजेश पांडे ने स्थानीय पुलिस के साथ-साथ पीएसी लगवा कर मेरी जमीन पर बाउंड्री खड़ी करवा दी.’ उन्होंने बताया कि, ‘उस समय अतीक अहमद का इतना खौफ था कि मैंने मारे डर के f.i.r. तक नहीं कराई. लेकिन आज अतीक अहमद की उल्टी गिनती शुरू हो गई है.’
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