लोकसभा चुनाव से पहले धनंजय सिंह को झटका, इस मामले में कोर्ट ने किया दोषी करार, भेजे गए जेल

संतोष शर्मा

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Dhananjay Singh News: जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह को लेकर एक बड़ी खबर सामने आ रही है. बता दें कि धनंजय सिंह को जौनपुर की एमपी-एमएल कोर्ट ने दोषी करार दिया है. कोर्ट ने धनंजय सिंह को जौनपुर में अपहरण के मामले में दोषी करार दिया है. इस बीच उन्हें जौनपुर पुलिस ने हिरासत में ले लिया है. मिली जानकारी के मुताबिक, धनंजय सिंह को कल यानी 6 मार्च को सजा सुनाई जाएगी. बता दें कि धनंजय सिंह को जौनपुर में नमामि गंगे के अफसर का अपहरण कर धमकाने के आरोप में सजा सुनाई गई है. ऐसे में धनंजय सिंह के लोकसभा चुनाव लड़ने पर अब संशय नजर आ रहा है. 

क्या है मामला जिसमें धनंजय सिंह को हुई सजा?

गौरतलब है कि 10 मई 2020 को नमामि गंगे परियोजना से जुड़े प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल ने धनंजय सिंह और उनके साथी संतोष विक्रम सिंह पर अपहरण, रंगदारी मांगने और धमकी देने के मामले में जौनपुर के लाइन बाजार थाने में एफआईआर दर्ज करवाई थी. अभिनव सिंघल का आरोप था कि धनंजय सिंह ने कम गुणवत्ता वाली सामग्री की आपूर्ति के लिए दबाव बनाया था. जब प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल ने मना किया तो धनंजय के करीबी संतोष विक्रम सिंह ने अपने दो अन्य साथियों के साथ आकर अभिनव का अपहरण किया धनंजय के घर लेकर जहां  मारपीट की और पिस्तौल तानकर जान से मारने की धमकी भी दी. इसी ममले में अब सिंह को दोषी करार दिया गया है.

धनंजय सिंह की ये पोस्ट बनी थी चर्चा का विषय

आपको बता दें कि बीते दिनों भाजपा ने अपने 195 उम्मीदवारों की लोकसभा चुनावों के लिए सूची जारी की थी. भाजपा की सूची आने के बाद धनंजय सिंह ने अपने X (पूर्व में ट्विटर) पर खुद का एक पोस्टर शेयर करते हुए लिखा, "साथियों! तैयार रहिए...लक्ष्य बस एक लोकसभा 73 , जौनपुर. इसके साथ ही 'जीतेगा जौनपुर-जीतेंगे हम' के साथ अपनी फोटो भी शेयर की. 

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वहीं अगर भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार की बात करें तो उसने कद्दावर नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री कृपाशंकर सिंह को मैदान में उतारा है. जौनपुर के सामान्य परिवार में जन्मे कृपाशंकर मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. एक फार्मास्यूटिकल कंपनी में लैब असिस्टेंट के रूप में काम शुरू करने वाले सिंह ने 1977 में महाराष्ट्र कांग्रेस से अपनी राजनीतिक पारी शुरू की थी. जब मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को खत्म किया, उसके बाद उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था और भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए थे.

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