वाराणसी में 15 गोलियों से खत्म की गई राजेंद्र गुप्ता के परिवार की कहानी, PM रिपोर्ट से हुआ बड़ा खुलासा
वाराणसी के गुप्ता परिवार की हत्या में 15 गोलियों का खुलासा, पोस्टमार्टम रिपोर्ट से मिली नई जानकारी. संपत्ति विवाद और पुरानी दुश्मनी को लेकर पुलिस कर रही जांच.
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Varanasi News: वाराणसी के भेलूपुर थाना क्षेत्र के भदैनी इलाके में गुप्ता परिवार के पांच सदस्यों की मौत की रहस्यमय घटना ने सबको स्तब्ध कर दिया है. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार, राजेंद्र गुप्ता, उसकी पत्नी नीतू गुप्ता और तीन बच्चों को कुल 15 गोलियां मारकर निर्मम तरीके से मौत के घाट उतारा गया. शुरुआती जांच में इस घटना को आत्महत्या और हत्या के रूप में देखा जा रहा था, लेकिन अब यह साफ हो गया है कि यह पूरी तरह से एक संगठित हत्याकांड था.
परिवार के पांच सदस्यों की निर्मम हत्या
वारदात के दिन सुबह जब गुप्ता परिवार के घर काम करने वाली नौकरानी पहुंची तो उसने देखा कि राजेंद्र गुप्ता की पत्नी नीतू गुप्ता का शव कमरे में बेड के नीचे पड़ा था. उनके बड़े बेटे नमनेंद्र का शव दूसरी मंजिल के बाथरूम में मिला, जबकि बेटी गौरांगी और सबसे छोटे बेटे शिवेंद्र का शव उनके कमरे में मिला. राजेंद्र गुप्ता की वृद्ध मां शारदा देवी इस पूरे घटनाक्रम में जीवित पाई गईं.
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन घंटों बाद भी राजेंद्र गुप्ता का पता नहीं चल सका. बाद में पुलिस ने राजेंद्र के मोबाइल लोकेशन का पता लगाया, जिससे रोहनिया क्षेत्र के रामपुर लठिया में उनके अधनिर्मित मकान में उनका शव मिला. राजेंद्र का शव बिस्तर पर अर्धनग्न अवस्था में पाया गया, जिस पर कई गोलियों के निशान थे.
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से हुआ खुलासा
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार, राजेंद्र गुप्ता को तीन गोलियां मारी गईं, दो उनके सिर पर और एक सीने पर. उनके बड़े बेटे नमनेंद्र को चार गोलियां मारी गईं, जिनमें दो सिर पर और दो सीने पर थीं. नीतू गुप्ता को भी चार गोलियां मारी गईं, जबकि बेटी गौरांगी और छोटे बेटे शिवेंद्र को दो-दो गोलियां मारी गईं. रिपोर्ट के अनुसार, एक ही प्रकार की बंदूक से गोली मारी गई, जो इंगित करता है कि यह एक सुनियोजित हत्या थी.
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पुलिस ने जांच में पुरानी रंजिश को माना कारण
पुलिस इस हत्याकांड को राजेंद्र गुप्ता के परिवार के साथ पुरानी रंजिश और संपत्ति विवाद से जोड़कर देख रही है. राजेंद्र के भतीजे प्रशांत उर्फ जुगनू को पुलिस ने हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है, जबकि दूसरा भतीजा विक्की फरार है. इस हत्या के पीछे राजेंद्र के भाइयों और उनके परिवार के साथ पुरानी दुश्मनी का कारण हो सकता है.
राजेंद्र की ये है क्राइम हिस्ट्री
1995 में राजेंद्र गुप्ता पर अपने भाई कृष्णा और भाभी मंजू की हत्या का आरोप लगा था. उनके पिता लक्ष्मी नारायण ने भेलूपुर थाने में राजेंद्र के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी. आरोप था कि राजेंद्र ने अपने पिता और उनकी सुरक्षा में लगे एक पुलिसकर्मी की भी हत्या कर दी थी. इसके बाद राजेंद्र को जेल हुई, लेकिन वह कुछ समय बाद ही जेल से बाहर आ गया और अपने भाई की संपत्ति पर कब्जा कर लिया. पुलिस को आशंका है कि अब जब राजेंद्र के भाई कृष्णा के बेटे विक्की और प्रशांत बड़े हो चुके हैं, उन्होंने अपने पिता और मां की हत्या का बदला लेने के लिए इस वारदात को अंजाम दिया होगा.
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पुलिस अब इस पूरे मामले में तथ्यों की गहराई से जांच कर रही है और सभी संभावित पहलुओं पर ध्यान दे रही है. घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज को खंगाला जा रहा है. पुलिस का कहना है कि जल्द ही इस हत्याकांड का खुलासा कर दिया जाएगा और दोषियों को सख्त से सख्त सजा दिलाई जाएगी.
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