शाइस्ता और गुड्डू मुस्लिम को लेकर STF को मिला बड़ा इनपुट, शूटर्स से यूं संपर्क में है अतीक की पत्नी
माफिया डॉन अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन और गुड्डू मुस्लिम ये वो दो नाम है, जिन्होंने इस समय उत्तर प्रदेश पुलिस को परेशान कर…
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माफिया डॉन अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन और गुड्डू मुस्लिम ये वो दो नाम है, जिन्होंने इस समय उत्तर प्रदेश पुलिस को परेशान कर रखा है. पुलिस और पुलिस की एजेंसियां शाइस्ता और गुड्डू मुस्लिम को पकड़ने के लिए अपना पूरा दम लगा रही हैं. मगर न शाइस्ता पुलिस के हत्थे चढ़ रही है और न ही बमबाज गुड्डू पुलिस के हाथ आ रहा है. ऐसे में सवाल यह है कि आखिर शाइस्ता परवीन और गुड्डू मुस्लिम कहां गए? वह अब तक पुलिस की नजरों से कैसे बचे हुए हैं?
इसी को लेकर अब एक बड़ी जानकारी सामने आई है. पुलिस और एसटीएफ को यह जानकारी मिली है कि माफिया डॉन अतीक की पत्नी शाइस्ता और बमबाज गुड्डू लगातार संपर्क में बने हुए हैं. इसी के साथ उमेश पाल शूटआउट के फरार शूटर्स साबिर और अरमान भी शाइस्ता और गुड्डू के संपर्क में बने हुए हैं.
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माफिया डॉन की पत्नी के संपर्क में हैं सभी शूटर्स
पुलिस को मिली जानकारी के मुताबिक, गुड्डू मुस्लिम, साबिर और अरमान लगातार अतीक की पत्नी शाइस्ता के संपर्क में बने हुए हैं. मगर ये सभी आपस में बात करने के लिए मोबाइल का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं. ये सभी कई हाईटेक ऐप के जरिए एक-दूसरे से बातचीत कर रहे हैं.
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पुलिस से बचने के लिए अपना रहे ये तरीका
दरअसल शाइस्ता, गुड्डू मुस्लिम, साबिर और अरमान पुलिस से बचने की लगातार कोशिश कर रहे हैं. जब से अतीक के बेटे असद और शूटर गुलाम को एसटीएफ ने मार गिराया है तब से शूटर अरमान, साबिर और गुड्डू मुस्लिम ने खुद को पूरी तरह से अंडरग्राउड कर लिया है. अब यह सभी हाईटेक तकनीक का इस्तेमाल पुलिस से बचने के लिए कर रहे हैं.
दूसरी तरफ अतीक की पत्नी शाइस्ता भी फरार है. ऐसे में पुलिस को जानकारी मिली है कि सभी शूटर्स और गुड्डू बमबाज शाइस्ता के संपर्क में हैं.
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800 मोबाइल ट्रेस पर लगाए गए थे
मिली जानकारी के मुताबिक, शाइस्ता समेत फरार शूटर्स को पकड़ने के लिए पुलिस ने करीब 800 मोबाइल सर्विलांस पर लगाए थे. मगर पुलिस को कुछ खास इनपुट हाथ नहीं लग रहा था. ऐसे में अब पुलिस को पता चला है कि ये सभी मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं. मोबाइल की जगह ये एक खास ऐप के जरिए आपस में बातचीत कर रहे हैं. पुलिस से बचने के लिए अब ये तकनीक का सहारा ले रहे हैं. अब देखना यह होगा कि यह सब कब तक पुलिस और एसटीएफ की पकड़ से दूर रहे पाते हैं.
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