अखिलेश-राहुल के सामने कही नहीं टिके यूपी में मोदी-योगी के ये सारे मंत्री, मिली करारी शिकस्त

यूपी तक

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UP Lok Sabha Chunav Result
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UP News: लोकसभा चुनावों में उत्तर प्रदेश भाजपा के लिए किसी बुरे सपने जैसा रहा. जिस यूपी को लेकर भाजपा का दावा था कि वह यहां की सभी 80 लोकसभा सीट जीतने जा रही है, उस यूपी ने ही भाजपा को बहुमत से रोक दिया. यहां अखिलेश यादव और राहुल गांधी का ऐसा जादू चला कि मोदी-योगी की जोड़ी उसके सामने कही टिकटी नजर नहीं आई. नतीजा ये रहा कि 80 में से 43 सीट तो सिर्फ सपा-कांग्रेस गठबंधन ही ले गया तो वहीं भाजपा के हाथ सिर्फ 36 सीट ही लगी.

यूपी के रिजल्ट को देखकर ऐसा लगता है कि मानो भाजपा के खिलाफ अंदरखाने कोई लहर चल रही थी, लेकिन कोई उसे देख ही नहीं पाया. यहां भाजपा के कई दिग्गजों को करारी हार का सामना करना पड़ा और जो जीते, वह भी काफी कम मार्जिन से जीत हासिल कर सके. भाजपा के खिलाफ अंदरखाने चल रही इस लहर में मोदी कैबिनेट के 7 केंद्रीय मंत्री भी अपनी सीट नहीं बचा सके, तो वही योगी सरकार के भी 4 में से 2 ही अपनी साख बचा पाने में कामयाब रहे. 

चुनाव में कही नहीं टिके मोदी सरकार के ये मंत्री

सबसे ज्यादा अमेठी लोकसभा सीट से केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की हार चर्चाओं में रही. यहां स्मृति को गांधी परिवार के करीबी केएल शर्मा ने ही चुनाव में हरा दिया. दूसरी तरफ चंदौली लोकसभा सीट से मंत्री महेंद्र नाथ पांडे को भी करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा. जालौन से भानु प्रताप वर्मा और मुजफ्फरनगर सीट से केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान भी अपनी सीट नहीं बचा पाए. लखीमपुर से केंद्रीय मंत्री अमित शाह के साथ काम करने वाले अजय मिश्र टेनी भी चुनाव हार गए.

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मोदी-योगी के मंत्री चुनाव हारे

इसी के साथ मोहनलागंज लोकसभा सीट से कौशल किशोर, फातेपुर से साध्वी निरंजन ज्योति भी अपनी सीट नहीं बचा पाए और करारी हार का सामना करना पड़ा. दूसरी तरफ योगी सरकार के मंत्री जयवीर सिंह मैनपुरी में डिंपल यादव के सामने कही नहीं टिके तो वही रायबरेली लोकसभा सीट से दिनेश प्रताप सिंह भी राहुल गांधी के सामने कही नजर नहीं आए. दोनों को ही करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा. योगी सरकार मंत्रियों में से सिर्फ पीलीभीत से जितिन प्रसाद और हाथरस से अनूप प्रधान को ही जीत मिली.

विधायक और राज्यसभा सांसद भी चुनाव हारे

यूपी में 80 सीटों को फतह करने के लक्ष्य में भाजपा ने अपने विधायकों और राज्यसभा सांसदों को भी चुनाव में खड़ा किया. मगर बड़े स्तर पर इन्हें भी हार का सामना करना पड़ा. अपना दल से विधायक रिंकी कोल राबर्ट्सगंज से चुनावी हारी, विधान परिषद के सदस्य साकेत मिश्र श्रावस्ती से हारे तो वही राज्यसभा सदस्य नीरज शेखर बलिया लोकसभा सीट से चुनाव हार गए. 

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मोदी सरकार के ये मंत्री जीते

जीत की बात करे तो सिर्फ प्रधानमंत्री के अलावा लखनऊ से राजनाथ सिंह, आगरा से एसपी सिंह बघेल, महाराजगंज से वित्त मंत्री राज्यमंत्री पंकज चौधरी और मिर्जापुर से अपना दल की अनुप्रिया पटेल शामिल रही. ये अपनी सीट बचाने में कामयाब रहे.

26 सांसदों को मिली चुनावी शिकस्त

भाजपा के हारने वाले सांसदों में फतेहपुर से निरंजन ज्योति, मोहनलालगंज से कौशल किशोर, मुजफ्फरनगर से संजीव कुमार बलियान, आंवला से धर्मेंद्र कश्यप, आजमगढ़ से दिनेश लाल निरहुआ, बांदा से आरके सिंह पटेल, बस्ती से हरीश द्विवेदी, चंदौली से महेंद्र नाथ पांडेय, धौरहरा से रेखा वर्मा रहीं. 

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यहां तक की पूर्व सीएम कल्याण सिंह के बेटे राजवीर सिंह को भी हार का सामना करना पड़ा. इसी के साथ इटावा के रामशंकर कठेरिया, फैजाबाद से लल्लू सिंह, जालौन से भानु प्रताप सिंह वर्मा, कैराना से प्रदीप कुमार, कन्नौज से सुब्रत पाठक, कौशांबी से विनोद सोनकर, मछलीशहर से बीपी सरोज, प्रतापगढ़ से संगम लाल गुप्ता, रामपुर से धनश्याम लोधी, सलेमपुर से रवींद्र कुशवाहा, संत कबीर नगर से प्रवीण कुमार निषाद, सीतापुर से राजेश वर्मा व सुुल्तानपुर से मेनका गांधी और हमीरपुर से पुष्पेंद्र सिंह तक चुनाव हार गए.

जिन सीटों पर बदले प्रत्याशी वहां इन्हें मिली जीत

इस चुनाव में भाजपा ने 7 सीटों पर अपना उम्मीदवार बदला था. उसका ये प्रयाग काफी हद तक सफल रहा. भाजपा ने बहराइच, बरेली, देवरिया, कैसरगंज, मेरठ, फूलपुर व पीलीभीत से अपना उम्मीदवा बदला था. इनमें से बहराइच से आनंद कुमार गौड़, बरेली से छत्रपाल सिंह गंगवार, देवरिया से शशांक मणि, कैसरगंज, से करण भूषण सिंह, मेरठ से अरुण गोविल, फूलपुर से प्रवीण पटेल व पीलीभीत से जितिन प्रसाद ही अपनी जीत दर्ज कर सके.

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