सर्वे: ताजा ओपिनियन पोल में सपा को मिल रहीं इतनी सीटें, अखिलेश यादव के लिए RED अलर्ट!
लोकसभा चुनाव 2024 के पहले फेज की वोटिंग में अब 2 हफ्ते का समय बचा है. कुछ दिनों के बाद ही पहले फेज के लिए मतदान होना है.
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UP Loksabha Chunav 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के पहले फेज की वोटिंग में अब 2 हफ्ते का समय बचा है. कुछ दिनों के बाद ही पहले फेज के लिए मतदान होना है. ऐसे में चुनावी सरगर्मियां भी तेज हो गई हैं. हर कोई इस बात को जानने में उत्सुकता दिखा रहा है कि आखिर 80 लोकसभा सीटों वाले राज्य यूपी में कौनसी पार्टी बेहतर प्रदर्शन करेगी. एक बार फिर यूपी में फतेह हासिल करने के लिए सभी पार्टियां जी-तोड़ मेहनत में लग गई हैं. वहीं, इस बीच उत्तर प्रदेश का सियासी माहौल जानने के लिए पहले फेज के मतदान से पहले एक ताजा सर्वे के आंकड़े सामने आए हैं. खबर में आगे जानिए सर्वे के आंकड़ों से क्या तस्वीर सामने आई है?
यूपी में कौनसी पार्टी किसपर भारी?
बता दें कि पहले चरण के मतदान से ठीक पहले इंडिया टीवी-CNX का ओपिनियन पोल सामने आया है. इस सर्वे में उत्तर प्रदेश को लेकर चौंकाने वाला दावा किया गया है. इंडिया टीवी-CNX के ओपिनियन पोल के अनुसार, उत्तर प्रदेश में बीजेपी की अप्रत्याशित प्रदर्शन कर सकती है. सर्वे के मुताबिक, यूपी में भाजपा नीत NDA को 77 सीट तो इंडिया अलायंस (सपा और कांग्रेस) के खाते में मात्र 3 सीटे जाती दिख रही हैं. वहीं मायावती की बसपा इस बार शून्य पर सिमटती दिख रही है. सर्वे के मुताबिक कि इंडिया गठबंधन में तीनों सीट सपा के खाते में जा रही हैं और कांग्रेस खाता भी नहीं खुलते हुए दिख रहा है.
यूपी में किस-किस के बीच है लड़ाई?
आपको बता दें कि यूपी में तीन गठबंधन चुनावी मैदान में हैं. इंडिया, एनडीए के अलावा पीडीएम न्याय मोर्चा भी चुनाव लड़ रहा है. इंडिया गठबंधन में समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस शामिल है तो वहीं भाजपा के साथ जयंत चौधरी की लोकदल, ओपीराजभर के साथ-साथ अनुप्रिया पटेल की अपना दल (सोनेलाल) है. वहीं तीसरे मोर्चे यानी पीडीएम न्याय मोर्चा की बात करें तो उसमें पल्लवी पटेल और औवैसी की AIMIM शामिल हैं. बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की मुखिया मायावती ने ऐलान किया है कि वह आगामी चुनाव किसी के साथ नहीं बल्कि अकेले लड़ेंगी.
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2019 में कैसे थे नतीजे?
गौरतलब है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा के गठबंधन के सभी अंकगणित को गलत साबित हुए थे. तब भाजपा और उसके सहयोगी अपना दल (एस) ने गठबंधन सहयोगियों को ध्वस्त करते हुए 80 लोकसभा सीटों में से 64 सीटें जीती थीं. वहीं, सपा को 5 और बसपा को 15 सीटें मिली थीं. कांग्रेस ने एकमात्र रायबरेली सीट जीती थी.
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