हुलिया बदल रामलला के दर्शन करने पहुंचा था मोस्ट वॉन्टेड किस्सू तिवारी! दाढ़ी के बावजूद धरा गया

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Ayodhya Kissu Tiwari Arrest News: मर्डर और हत्या की कोशिश समेत कई अन्य धाराओं में फरार चल रहा मोस्ट वॉन्टेड बदमाश किशोर उर्फ किस्सू तिवारी आखिरकार पुलिस के हाथों चढ़ ही गया. यहां गौर करने वाली बात यह है कि किस्सू ने मध्य प्रदेश में अपराध आतंक मचाया था, लेकिन उसकी गिरफ्तारी अयोध्या के राम मंदिर में हुई. दरअसल, किस्सू अपना रूप बदलकर, नकली सफेद दाढ़ी लगाकर राम मंदिर पहुंचा था. मगर यहां उसकी होशियारी पकड़ी गई और पुलिस ने उसे अपने कब्जे में ले लिया. 

एमपी की कटनी पुलिस ने क्या बताया?

 

कटनी पुलिस अधीक्षक अभिजीत रंजन ने बुधवार सुबह प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस मामले का खुलासा किया. उन्होंने बताया कि किस्सू तिवारी पर कटनी सहित जबलपुर पुलिस ने 55 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था. पुलिस लंबे समय से किस्सू तिवारी की तलाश कर रही थी, लेकिन लगातार चकमा दे रहा था. बता दें कि कटनी, जबलपुर और इंदौर में किस्सू के खिलाफ मामले दर्ज हैं. कटनी में कोतवाली थाना अंतर्गत हत्या के एक मामले में स्थाई वारंट अदालत द्वारा किस्सू के खिलाफ जारी किया गया था. जबलपुर कोतवाली में भी 302 के मामले में किस्सू वांछित अपराधी है और इसके खिलाफ वारंट जारी है. इसकी सुनवाई उच्च न्यायालय जबलपुर में चल रही है. हाईकोर्ट ने हार्डकोर क्रिमिनल किस्सू तिवारी को गिरफ्तार करने के लिए 48 घंटों का समय दिया था. हाईकोर्ट की सख्ती के बाद 55 हजार के इनामी आरोपी किस्सू तिवारी को कटनी पुलिस ने अयोध्या से गिरफ्तार किया है.

 

 

रामलला के दर्शन करते हुए पकड़ा गया किस्सू 

कटनी एसपी अभिजीत रंजन ने बताया कि किस्सू की गिरफ्तारी के लिए पांच टीमें बनाई गई थीं, जिन्होंने देश के विभिन्न जगहों पर दबिश दी थी. मुखबिर की सूचना पर अयोध्या से किस्सू तिवारी को गिरफ्तार किया गया है. किस्सू अपने परिवार के साथ रामलला के दर्शन करने अयोध्या पहुंचा था. यह एक दुर्दांत अपराधी रहा है और इसकी गिरफ्तारी पुलिस के लिए बड़ी सफलता है. 

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किस्सू ने 1979 में किया था पहला अपराध

एसपी अभिजीत ने बताया कि किस्सू ने अलग-अलग स्थानों पर फरारी काटी है. फरारी के दौरान यह जयपुर, हरिद्वार, हिमाचल और उत्तराखंड समेत अन्य जगहों में रहा है. कटनी पुलिस द्वारा दस हजार इनाम की घोषणा की गई थी जिसे आईजी ने बढ़ाकर तीस हजार रुपये कर दिया गया था. वहीं, जबलपुर पुलिस द्वारा 25 हजार रुपये  के इनाम की घोषणा की गई थी. कुल मिलाकर इस पर 55 हजार रुपये का इनाम घोषित था. इसका अपराधिक रिकॉर्ड दशकों पुराना है. इसने सबसे पहला अपराध साल 1979 में किया था. यह पहले 1992 में फरार हुआ था, जिसे 2015 में गिरफ्तार किया गया. कुछ समय जेल में रहने के बाद यह फिर से फरार हो गया था. इसको लंबे समय फरारी काटने का अनुभव है. एसपी ने बताया कि गिरफ्तारी के वक्त किस्सू ने साधु-महात्मा जैसा अपना ड्रेसअप कर रखा था. 
 

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