जिसकी खूंखार दहाड़ से कांप जाते थे कई गांवों के लोग, उस ‘किशन’ बाघ की कैंसर से हुई मौत

आशीष श्रीवास्तव

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Lucknow News: जिसकी एक दहाड़ से कई गांवों की रातों की नींद गायब हो जाती थी, जिसके दिख जाने पर पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच जाता था, वह खूंखार दहाड़ अब हमेशा के लिए शांत हो गई. आपको बता दें कि लखनऊ के नवाब वाजिद अली शाह प्राणी उद्यान में कैंसर से पीड़ित बाघ किशन की मौत हो गई.

बता दें कि बाघ किशन को 1 मार्च 2009 को किशनपुर टाइगर रिजर्व दुधवा नेशनल पार्क से रेस्क्यू करके लाया गया था. रेस्क्यू के बाद जब बाघ का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया तब सामने आया कि उसको कैंसर है. तभी से उसका इलाज चल रहा था.

मिली जानकारी के मुताबिक, पिछले 13 सालों से फाइटर बाघ किशन कैंसर से फाइट कर रहा था. आपको बता दें कि एक समय कई गांव इस बाघ किशन की दहशत के खौफ में रहते थे. साल 2008 में इसका हमला भी गांव निवासियों पर बढ़ गया था. इसकी एक दहाड़ से लोगों में खौफ पैदा हो जाता था.

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शिकार नहीं कर पाता था किशन

बता दें कि जब इस बाघ को काफी मशक्कत के बाद रेस्क्यू किया गया तब पता चला कि इसे हिमेंजिओसार्कोनोमा नाम का कैंसर है. इस कैंसर की वजह से किशन बाघ शिकार नहीं कर पा रहा था. यह कैंसर उसके मुंह और कान तक में फैल गया था.

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इसके बाद करीब 13 सालों तक बाघ किशन का इलाज करवाया गया और इसकी पूरी देख-भाल की गई.  नवाब वाजिद अली शाह प्राणी उद्यान के निदेशक वीके मिश्रा ने बताया ” वन्यजीव चिकित्सकों और प्राणी उद्यान के स्टाफ द्वारा नर बाघ किशन को श्रद्धांजलि दी गई.”

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