'Jai Shri Ram' लिखी कॉपी को प्रोफेसरों ने दिए गजब नंबर! UP की इस यूनिवर्सिटी से आया अजीब मामला

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UP News:  उत्तर प्रदेश के जौनपुर की वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल यूनिवर्सिटी से एक बड़ा मामला सामने आया है. आपको बता दें कि यहां फार्मेसी विभाग में परीक्षा की कॉपियों में बड़ी गड़बड़ी मिली है. दरअसल, कॉपी में सही आंसर की जगह 'जय श्रीराम' लिखा हुआ था और आगे प्लीज पास कर दीजिए लिखा था. इसी के साथ आंसर में काफी कुछ और भी लिखा था. इन कॉपियों की जांच करते हुए प्रोफेसरों ने इन्हें पास भी किया और अच्छे नंबर भी दिए. मगर अब इस पूरे मामले के खुलने के बाद बड़ी लापरवाही सामने आई है. 

दरअसल, इस पूरे मामले पर छात्रनेता द्देश्य और दिव्यांशु ने RTI लगाई थी. इसके बाद इन कॉपियों की जांच बाहरी शिक्षकों द्वारा करवाई गई तो पूरे मामले का खुलासा हुआ. जिन आंसरों पर विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों ने 52 से 34 नंबर दिए हैं, उन सवालों पर बाहर के प्रोफेसरों  ने 3-4 या जीरो नंबर दिए हैं. मामले की गंभीरता को देखते कुलपति वंदना सिंह ने दो प्रोफेसर को कार्यमुक्त करने की संस्तुति की है. 

क्या है पूरा मामला?

आपको बता दें कि ये पूरा मामला जौनपुर की वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय से सामने आया है. मिली जानकारी के मुतबिक, यहां डी.फार्मा कोर्स के फर्स्ट और सेकंड सेमेस्टर के छात्रों को बिना सही जवाब दिए पास कर दिया गया. वहीं, विश्वविद्यालय के ही पूर्व छात्र दिव्यांशु सिंह ने इस मामले में आरटीआई लगाई और विश्वविद्यालय से मामले की जानकारी मांगी. बता दें कि पूर्व छात्र ने ये जानकारी 3 अगस्त 2023 को मांगी थी. जन सूचना अधिकार के अंतर्गत डी.फार्मा कोर्स के लगभग 18 छात्रों का रोल नंबर उपलब्ध कराने के लिए कहा गया. इसी के साथ उन कॉपियों का फिर से मूल्यांकन करने के लिए भी कहा गया.

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कॉपी में लिखा गया 'जय श्री राम

मिली जानकारी के मुताबिक, विश्वविद्यालय के एक छात्र का आरोप था कि यहां एक प्रोफेसर रिश्वत लेकर छात्रों को पास करते हैं. छात्र ने बकायदा शिकायती पत्र राजभवन भी भेजा था. छात्र ने जो सबूत पेश किए थे, उसमें इस बात का उल्लेख था कि यहां कांपी की जांच में भारी गड़बड़ी हो रही है. आरोप था कि कॉपी में उत्तर में जय श्री राम और खिलाड़ियों के नाम लिखे हुए थे. मगर फिर भी उन कांपियों को अच्छे नंबर दे दिए गए और उन छात्रों को अच्छे नंबरों से पास कर दिया गया.

राजभवन ने दिए थे जांच के आदेश

मामले की गंभीरता को देखते हुए राजभवन ने मामले की जांच के आदेश दे दिए थे. इसके बाद विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा इस संबंध में एक जांच समिति का गठन किया गया. जांच समिति के द्वारा बाहरी प्रोफसरों से कॉपी का मूल्यांकन करवाया गया. बाहरी शिक्षकों द्वारा कॉपी का मूल्यांकन किया गया तो छात्रों को क्रमशः 0 और 4 अंक मिले. जबकि जब इन कॉपियों को विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों ने जांचा तो उन्हें 52 से 34 नंबर दिए गए थे. 

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प्रोफेसरों पर हुई सख्त कार्रवाई

इस पूरे मामले पर UP TAK ने कुलापति वंदना सिंह से खास बात की. उन्होंने बताया कि गलत मूल्यांकन करने वाले दो प्रोफेसर को कार्य मुक्त करने की संस्तुति की गई है. दोबारा मूल्यांकन करने में अंकों में बहुत अंतर पाया गया है. इस पूरे मामले को लेकर राजभवन को पत्र लिखा जाएगा.

(जौनपुर से आदित्य प्रकाश भारद्वाज के इनपुट के साथ)

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