जावेद के वकील का दावा, प्रयागराज विकास प्राधिकरण के पैसे से ही फिर बनवाएंगे मकान, पर कैसे?

संतोष शर्मा

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उत्तर प्रदेश में प्रयागराज जिला प्रशासन और पुलिस ने शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद शहर के अटाला और करेली क्षेत्र में पुलिस पर पथराव की घटना के आरोपी मोहम्मद जावेद उर्फ जावेद पंप का मकान रविवार को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया. वहीं, अब इस मामले में आरोपी जावेद के वकील केके राय ने यूपी तक से बातचीत में बड़ा दावा किया है. राय ने कहा है, “प्रयागराज विकास प्राधिकरण (पीडीए) के पैसे से ही मोहम्मद जावेद का मकान बनवाएंगे.”

आरोपी जावेद के वकील ने कहा,

“मोहम्मद जावेद ना सिर्फ मेरे मुवक्किल हैं, बल्कि मेरे बहुत पुराने दोस्त हैं. इस शहर की अमन-चैन के लिए हमेशा उन्होंने काम किया है. पुलिस प्रशासन ने अनाधिकृत तौर पर उनकी पत्नी के नाम पर दर्ज मकान को गैरकानूनी ढंग से गिराया है. प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने पहले कभी कोई नोटिस नहीं दिया. 24 घंटे से कम वक्त का नोटिस देकर पूरे परिवार को बेघर किया गया है.”

कके राय

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राय ने आगे कहा, “बीते शुक्रवार को नमाज के बाद जावेद अहमद अपने लोगों को अमन-चैन बरकरार रखने के लिए वॉट्सऐप पर मैसेज भेज रहे थे, वह मैसेज मुझे भी मिला था. हमने प्रयागराज पुलिस व विकास प्राधिकरण की मनमानी के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका डाली है. जरूरत पड़ेगी तो अधिवक्ता मंच की तरफ से सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई लड़ेंगे. प्रयागराज विकास प्राधिकरण के पैसे से ही जावेद का मकान बनवाएंगे.”

आरोपी जावेद के घर से क्या-क्या मिला?

प्रयागराज के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) अजय कुमार ने बताया कि ध्वस्तीकरण के दौरान पुलिस ने मकान की तलाशी भी ली जिसमें कई आपत्तिजनक सामान भी मिले हैं. उन्होंने बताया कि इनमें अवैध असलहे और आपत्तिजनक पोस्टर आदि शामिल हैं जिन्हें कब्जे में ले लिया गया है और उन्हें तफ्तीश में शामिल किया जाएगा.

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एसएसपी ने बताया कि मकान से बरामद सामानों में 12 बोर का एक अवैध तमंचा, 315 बोर का एक अवैध तमंचा और कई कारतूस शामिल हैं. उन्होंने बताया कि इसके अलावा, कुछ कागजात बरामद हुए हैं जिनमें माननीय न्यायालय पर तल्ख और आपत्तिजनक टिप्पणी जावेद द्वारा की गई है.

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बताया कि तलाशी के दौरान कई साहित्य, किताबें भी मिली हैं जिनकी पड़ताल की जाएगी. उन्होंने बताया कि ध्वस्त किए गए मकान की अनुमानित कीमत पांच करोड़ रुपये है जिसे नियम के अनुसार ध्वस्त किया गया. उन्होंने बताया कि अभी तक जितने भी झंडे, पोस्टर, बैनर और कागजात मिले हैं, उनकी गहराई से पड़ताल की जाएगी और पता लगाया जाएगा कि इसके पीछे मंशा क्या थी.

पीडीए के अधिकारी ने क्या बताया?

पीडीए के एक अधिकारी ने बताया कि जावेद का मकान पीडीए से नक्शा पास कराए बगैर बनाया गया था जिसके लिए उसे 10 मई, 2022 को नोटिस जारी किया गया था और उसे अपना पक्ष रखने के लिए 24 मई, 2022 की तिथि आबंटित की गई थी. उन्होंने बताया कि निर्धारित तिथि पर जावेद या फिर उनका वकील नहीं आया और ना ही कोई अभिलेख प्रस्तुत किया गया, इसलिए 25 मई को ध्वस्तीकरण आदेश पारित किया गया.

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