बांके बिहारी मंदिर में भीड़ नियंत्रित करने लिए काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का फार्मूला होगा कॉपी
वृंदावन के बांके बिहार मंदिर में जनमाष्टमी पर भारी भीड़ के बाद हादसे से सबक लेते हुए अब भीड़ को कंट्रोल का फॉर्मूला तलाश लिया…
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वृंदावन के बांके बिहार मंदिर में जनमाष्टमी पर भारी भीड़ के बाद हादसे से सबक लेते हुए अब भीड़ को कंट्रोल का फॉर्मूला तलाश लिया गया है. वाराणसी स्थित काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तर्ज पर बांके बिहारी मंदिर में भी क्राउड मैनेज किया जाएगा. बांके बिहारी मंदिर में भगदड़ वाले हादसे की जांच समिति में बनाए गए अध्यक्ष पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह ने खास बातचीत में ये बात बताई है.
सुलखान सिंह काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के भी निरीक्षण के लिए पहुंचे थे. विश्वनाथ कॉरिडोर की तारीफ करते हुए उच्च स्तरीय समिति के अध्यक्ष पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह ने बताया कि कॉरिडोर का अद्वितीय विकास हुआ है. उन्होंने बताया कि कॉरिडोर में श्रद्धालुओं के संचलन और इकट्ठा होने के लिए काफी स्थान छोड़ा गया है. इसके अलावा यहां आस-पास की सड़कें भी अपेक्षाकृत बहुत चौड़ी हैं. जबकि वृंदावन में बहुत ही संकरी गलियां हैं. उन्होंने बड़ी बात बताते हुए कहा कि भीड़ नियंत्रण के सिद्धांत को कॉरिडोर से कॉपी किया जाएगा.
उन्होंने बताया कि कॉरिडोर की व्यवस्था तो देखने के बाद सबक लेते हुए बांके बिहारी मंदिर में क्या सुझाव दिया जा सकता है. इस दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए अपनी रिपोर्ट सबमिट करेंगे.उन्होंने बताया कि मंगलवार को वे विंध्याचल मंदिर में भी दर्शन और निरीक्षण करके वहां की बातों को भी अपनी रिपोर्ट में सबमिट करेंगे.
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गौरतलब है कि वृंदावन में स्थित प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर में देर रात दर्शन के लिए उमड़ी भीड़ में दबकर 2 लोगों की मौत हो गई. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, मंदिर में भीड़ इतनी ज्यादा थी कि करीब 50 से ज्यादा लोग मंगला आरती के दौरान ही बेहोश होकर गिर पड़े थे.मामले की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया. पूर्व पुलिस महानिदेशक (सेवानिवृत्त आईपीएस) सुलखान सिंह को इस जांच समिति का अध्यक्ष बनाया गया है जबकि अलीगढ़ के मंडलायुक्त गौरव दयाल को सदस्य नामित किया गया है.
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