रामचरितमानस विवाद के बीच सपा कार्यालय के बाहर चमकी नई होर्डिंग, ‘गर्व से कहो हम शूद्र हैं’
UP Political News: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य की रामचरितमानस पर विवादित टिप्पणी के बाद से यह मुद्दा लगातार सुर्खियों में बना…
ADVERTISEMENT
UP Political News: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य की रामचरितमानस पर विवादित टिप्पणी के बाद से यह मुद्दा लगातार सुर्खियों में बना हुआ. इस मुद्दे को लेकर समाजवादी पार्टी लगातार सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को निशाने पर लेते हुए दिख रही है. इस बीच मंगलवार को लखनऊ स्थित समाजवादी पार्टी के कार्यालय के बाहर एक नया होर्डिंग लगा हुआ दिखाई दिया, जिसमें लिख रहा है, ‘गर्व से कहो हम शूद्र हैं.’
मिली जानकारी के अनुसार, सपा कार्यालय के बाहर ये पोस्टर डॉ. शूद्र उत्तम प्रकाश सिंह पटेल की ओर से लगवाया गया है. वह अखिल भारतीय कुर्मी छत्रीय महासभा, मुंबई के राष्ट्रीय महासचिव बताए जा रहे हैं.
यह भी पढ़ें...
ADVERTISEMENT
गौरतलब है कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने इसी महीने 22 जनवरी को श्रीरामचरितमानस की एक चौपाई का जिक्र करते हुए कहा था कि उनमें पिछड़ों, दलितों और महिलाओं के बारे में आपत्तिजनक बातें लिखी हैं, जिससे करोड़ों लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचती है. लिहाजा इस पर पाबंदी लगा दी जानी चाहिए.
मौर्य की इस टिप्पणी को लेकर काफी विवाद उत्पन्न हो गया था. साधु-संतों तथा भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने उनकी कड़ी आलोचना की थी. उनके खिलाफ लखनऊ में मुकदमा भी दर्ज किया गया. उनके समर्थन में आए एक संगठन के कार्यकर्ताओं ने रविवार को श्रीरामचरितमानस के कथित आपत्तिजनक अंश की प्रतियां जलाई थीं.
CM योगी से रामचरितमानस की चौपाई के बारे में पूछूंगा: अखिलेश
ADVERTISEMENT
श्रीरामचरितमानस पर टिप्पणी करके विवादों से घिरे अपने सहयोगी स्वामी प्रसाद मौर्य का बचाव करते हुए समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा है कि वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से विधानसभा सदन में इस महाकाव्य की एक चौपाई में इस्तेमाल किए गए ‘ताड़ना’ शब्द की व्याख्या पूछेंगे.
अखिलेश यादव ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा ‘हमारे मुख्यमंत्री एक संस्थान से निकले हैं और वह योगी हैं. मैं उनसे विधानसभा सदन में यह पूछूंगा कि श्रीरामचरितमानस में जिन पंक्तियों का जिक्र इस वक्त चल रहा है उनमें ताड़ना शब्द का इस्तेमाल किन लोगों के लिए किया गया है और वह किन पर लागू होती है.’
रामचरितमानस विवाद के पीछे है कोई राजनीतिक प्रयोग? स्वामी प्रसाद मौर्य ने खुद बताई ये बात
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT