रामचरितमानस विवाद: स्वामी प्रसाद मौर्य के बाद अब इस सपा प्रवक्ता ने की चौपाई हटाने की मांग
रामचरितमानस (Ramcharitmanas) को लेकर समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के प्रवक्ता सुनील सिंह साजन (Sunil Singh Yadav) का बड़ा बयान सामने आया है. सपा प्रवक्ता सुनील…
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रामचरितमानस (Ramcharitmanas) को लेकर समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के प्रवक्ता सुनील सिंह साजन (Sunil Singh Yadav) का बड़ा बयान सामने आया है. सपा प्रवक्ता सुनील सिंह साजन ने रामचरितमानस की चौपाई को रामचरितमानस से हटाने की मांग कर डाली है. समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता और पूर्व एमएलसी सुनील सिंह साजन ने कहा है, “जहां तक सवाल रामचरितमानस का है, समाजवादी पार्टी और समाजवादी कभी इसके विरोध में नहीं रहे हैं. मगर रामचरितमानस में 1-2 चौपाई ऐसी है, जिससे हिंदू समाज का बड़ा तबका आहत होता है.“
समाजवादी प्रवक्ता ने आगे कहा, “रामचरितमानस की उन चौपाइयों से महिलाएं, पिछड़े ,दलित और वंचित समाज के लोग आहत होते हैं. मुझे लगता है उसको हटा देना चाहिए. मुझें यह भी भरोसा है कि अगर गोस्वामी तुलसीदास जी होते, उनको लगता कि हिंदुओं का बड़ा तबका उनकी इस बात से आहत है तो वो खुद रामचरितमानस से इन चौपाइयों को हटा देते”
आपको बता दें कि कुछ इसी तरह की मांग समाजवादी पार्टी नेता स्वामी प्रसाद मौर्य भी कर चुके हैं. तब समाजवादी पार्टी के नेताओं ने स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान को उनका निजी बयान बताया था. मगर अब समाजवादी पार्टी के आधिकारिक प्रवक्ता की तरफ से इस तरह की मांग की गई है.
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स्वामी प्रसाद मौर्य ने दिया था विवादित बयान
बता दें कि स्वामी प्रसाद मौर्या ने रामचरितमानस पर विवाद बयान देते हुए कहा था कि कई करोड़ लोग रामचरित मानस को नहीं पढ़ते, सब बकवास है. यह तुलसीदास ने अपनी खुशी के लिए लिखा है. सरकार को इसका संज्ञान लेते हुए रामचरित मानस से जो आपत्तिजनक अंश है, उसे बाहर करना चाहिए या इस पूरी पुस्तक को ही बैन कर देना चाहिए. इसमें, ब्राह्मण भले ही लंपट, दुराचारी, अनपढ़ और गंवार हो, लेकिन वह ब्राह्मण है तो उसे पूजनीय बताया गया है, लेकिन शूद्र शूद्र कितना भी ज्ञानी, विद्वान या फिर ज्ञाता हो, उसका सम्मान मत करिए. क्या यही धर्म है? अगर यही धर्म है तो ऐसे धर्म को मैं नमस्कार करता हूं.
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