FIR का आदेश होने बाद BJP के बाहुबली सांसद बृजभूषण शरण सिंह का आया जवाब, ‘पूरे मजे में हूं’

समर्थ श्रीवास्तव

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Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश के कैसरगंज लोकसभ क्षेत्र से सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही हैं. दरअसल, बृजभूषण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों में FIR दर्ज कराने की मांग को लेकर दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हुई. आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण FIR दर्ज करने का भरोसा दिया है. वहीं, इस मसले पर यूपी तक से बातचीत में बृजभूषण ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है कि ‘मुझे ज्ञात हुआ है कि मेरे खिलाफ FIR हो सकती है, लेकिन मुझे न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है.’

उन्होंने आगे कहा, “मैं पूरे तरीके से मजे में हूं. दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा. दिल्ली पुलिस अपनी जांच करे, पूरा भरोसा है. सब सच सामने आ जाएगा. मैं किसी से बात नहीं करूंगा, मुझे अपना मीडिया ट्रायल नहीं करवाना है.”

SC में दिल्ली पुलिस ने कही ये बात

मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ के समक्ष SG तुषार मेहता ने कहा कि दिल्ली पुलिस आज ही एफआईआर दर्ज करेगी. कोर्ट ने कहा की इस भरोसे के बावजूद सुनवाई जारी रहेगी. अगली सुनवाई आठ दिन बाद शुक्रवार को होगी. महिला पहलवानों की शिकायत पर बृजभूषण के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने आज ही एफआईआर दर्ज करने और याचिकाकर्ता पीड़ित महिला पहलवानों को समुचित सुरक्षा मुहैया कराने का भरोसा दिया है.

पहलवानों की सुरक्षा की मांग

याचिकाकर्ताओं के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि शिकायतकर्ता महिला पहलवानों को सुरक्षा दी जाए. गोंडा से सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ फिलहाल पहले से ही 40 मुकदमे दर्ज हैं. कपिल सिब्बल ने कहा कि बृजभूषण शरण सिंह पर दर्ज 40 मुकदमों में हत्या का मामला भी है. लिहाजा महिला पहलवानों के इस मामले की जांच SIT से कराई जाए. इसकी निगरानी हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज करें. डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि, ‘वो दिल्ली पुलिस के वकील के बयान को रिकॉर्ड पर रख रहे हैं कि मामले में आज ही एफआईआर दर्ज होगी.’

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SG तुषार मेहता ने कहा, “जिस तरह का घटनाक्रम है, ऐसा लग रहा है कि कुछ और भी पीछे है. हालांकि ये बेहद गंभीर मामला है. इसलिए अभी कुछ नहीं कहा जा सकता. 156 (3) के विकल्प भी हैं.’ कपिल सिब्बल ने कहा कि ये 2016 की जनवरी में मौखिक शिकायत से चला आ रहा है. लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. सात साल कार्रवाई का इन्तजार करने के बाद जनवरी 2023 में लिखित शिकायत दर्ज कराई गई. कमेटी बनाई गई लेकिन कमेटी को सब कुछ नहीं दिखाई दिया. मंत्रालय से उम्मीद थी लेकिन वहां से भी कुछ नहीं हुआ. इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन ने भी कुछ नहीं किया.

शुक्रवार को होगी अगली सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि अगले शुक्रवार को होने वाली सुनवाई में पुलिस कार्रवाई की समीक्षा करेंगे. कोर्ट ने कहा कि हम दिल्ली पुलिस कमिश्नर को सुरक्षा देने को कह रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नाबालिग शिकायतकर्ता की सुरक्षा को लेकर कमिश्नर को कहा है कि वो धमकी पर संज्ञान लेकर जांच करें और समुचित सुरक्षा प्रदान करें.सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि फिलहाल वो मामले की सुनवाई बंद नहीं करेगा. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगले शुक्रवार को इस मामले की सुनवाई होगी.

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