जयंत चौधरी की पार्टी RLD ने अपने सभी प्रवक्ताओं को हटाया, क्या अमित शाह की आलोचना करने पर हुआ ऐक्शन?
गृहमंत्री अमित शाह की संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर पर की गई टिप्पणी क्या राष्ट्रीय लोकदल (RLD) के प्रवक्ता पैनल पर भारी पड़ गई? पार्टी चीफ जयंत चौधरी के इस निर्णय की खूब हो रही चर्चा.
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Jayant Chaudhary news: गृहमंत्री अमित शाह की संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर पर की गई टिप्पणी क्या राष्ट्रीय लोकदल (RLD) के प्रवक्ता पैनल पर भारी पड़ गई? यह सवाल इसलिए खड़ा हो रहा है क्योंकि केंद्रीय राज्य मंत्री जयंत चौधरी की पार्टी आरएलडी ने अपने सभी राष्ट्रीय प्रवक्ताओं और उत्तर प्रदेश के प्रवक्ताओं को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया है. आरएलडी के संगठन महासचिव त्रिलोक त्यागी ने इस बाबत चिट्ठी जारी कर दी है. कहा जा रहा है कि जयंत चौधरी के आदेश पर सभी प्रवक्ताओं को पद से हटाया गया है. अब यह मामला अमित शाह से कैसे जुड़ रहा है, पहले इसे समझते हैं.
असल में बीते दिनों संसद के शीतकालीन सत्र में गृहमंत्री अमित शाह ने अपनी बात रखते हुए अंबेडकर पर एक टिप्पणी की थी. इस टिप्पणी के बाद कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी के अलावा राष्ट्रीय जनता दल जैसी तमाम विपक्षी पार्टियों ने अमित शाह को घेर लिया. विपक्षी दलों ने अमित शाह पर अंबेडकर के अपमान का आरोप लगाया. अभी भी देश के अलग-अलग हिस्सों में कांग्रेस प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अमित शाह पर निशाना साध रही है. इस मामले में राहुल गांधी, अखिलेश यादव और मायावती खासे हमलावर दिखे. हालांकि बीजेपी और गृहमंत्री अमित शाह ने इन आरोपों पर पलटवार किया है. उनका तर्क है कि कांग्रेस और दूसरे दल गृहमंत्री के बयान की अधूरी क्लिप शेयर कर झूठे दावे कर रहे हैं. अब समझते हैं कि इस मामले से आरएलडी का क्या कनेक्शन है.
आरएलडी प्रवक्ता ने गृहमंत्री शाह की कर दी थी आलोचना
आपको बता दें कि आरएलडी इस वक्त केंद्र की एनडीए सरकार में पार्टनर है. आरएलडी चीफ जयंत चौधरी केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री के पद पर हैं. उनके पास स्किल डेवलपमेंट मिनिस्ट्री का भी स्वतंत्र प्रभार है. इसके बावजूद बीते दिनों आरएलडी के एक प्रवक्ता ने भी विपक्ष के सुर में सुर मिलाते हुए अंबेडकर पर दिए गए बयान को लेकर गृहमंत्री शाह की आलोचना कर दी थी.
मीडिया से बातचीत करते हुए आरएलडी प्रवत्ता कमल गौतम ने कहा था, "अमित शाह जी का बयान सही नहीं है. क्योंकि बाबा साहब भीमराव अंबेडकर जी को जो लोग भगवान मानते हैं और भगवान मानते रहेंगे...उनके लिए ऐसा बयान सही नहीं है. रही बात सरकार की आप लोग कानून व्यवस्था के आदमी हैं...गृह मंत्री हैं. बहुत सारी कानून व्यवस्था बिगड़ रही है. भगवान के मंदिर में भी अत्याचार हो रहा...मंदिर में घुसने पर भी मार-पिटाई हो रही...उनमें कोई कार्रवाई नहीं कर रहे. ऐसे बयान की कोई आवश्यकता नहीं है."
उन्होंने आगे कहा था, "रही बात हम सरकार में शामिल हैं, इसका मतलब यह नहीं कि जिनको हम भगवान मानते हैं उनके खिलाफ गलत सुनें. गृह मंत्री जी से भी अपील करते हैं कि उन्हें माफी मांगनी चाहिए. गृह मंत्री जी को माफी मांगनी चाहिए, क्योंकि यह बयान कोई छोटा बयान नहीं है."
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गृहमंत्री शाह से जुड़े इस मामले के सारे पहलू यहां जानिए
कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि अमित शाह ने राज्यसभा में ‘भारत के संविधान की 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा’ विषय पर दो दिन तक चली चर्चा का जवाब देते हुए मंगलवार को अपने संबोधन के दौरान बाबासाहेब का अपमान किया. मुख्य विपक्षी दल ने शाह के संबोधन का एक वीडियो अंश भी जारी किया था जिसमें गृह मंत्री विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए यह कहते सुने जा सकते हैं कि ‘‘अभी एक फैशन हो गया है- आंबेडकर, आंबेडकर... इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता.’’
तब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा था कि मुख्य विपक्षी दल ने राज्यसभा में बाबा साहेब आंबेडकर पर दिए गए उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश कर समाज में भ्रांति फैलाने की कोशिश की क्योंकि चर्चा के दौरान सत्ता पक्ष के सदस्यों ने संविधान निर्माता के बार-बार किए गए अपमानों पर विपक्षी पार्टी की पोल खोलकर रख दी थी. अमित शाह ने तब भाजपा मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह भी कहा था कि वह सपने में भी संविधान निर्माता का अपमान नहीं कर सकते हैं.
अमित शाह ने कहा था कि कांग्रेस ने सत्ता को तोड़मरोड़ कर इसलिए पेश किया क्योंकि भाजपा नेता इस बारे में बोल रहे थे कि कैसे राजग सरकारों ने संविधान को बरकरार रखा और तथ्यों के साथ यह स्थापित कर दिया कि कांग्रेस आंबेडकर विरोधी, संविधान विरोधी और आरक्षण विरोधी है. अमित शाह ने कहा था, ‘‘मैं उस पार्टी से आता हूं, उस संस्कृति से आता हूं... जो स्वप्न में भी बाबा साहेब के विचारों का या बाबा साहेब का अपमान नहीं कर सकती.’’
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