मिल्कीपुर में एक बार फिर होगा सियासी घमासान, सपा-भाजपा में कांटे की टक्कर, बनने लगी रणनीति

समर्थ श्रीवास्तव

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सपा नेता अखिलेश यादव और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
सपा नेता अखिलेश यादव और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
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Milkipur By Election: उत्तर प्रदेश के अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव का रास्ता साफ हो गया है. इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने मिल्कीपुर उपचुनाव को लेकर दाखिल याचिका वापस लेने की मंजूरी दे दी है. इसके बाद मिल्कीपुर की रिक्त विधानसभा सीट पर उपचुनाव का रास्ता साफ हो गया है. वहीं उपचुनाव में एक बार फिर सपा और भाजपा के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिलेगी. 

बता दें कि मिल्कीपुर उपचुनाव, बीजेपी के लिए अगर यह टक्कर प्रतिष्ठा और अयोध्या में खोए सम्मान को वापस लेने का चुनाव है तो वहीं सपा के लिए 7 सीटों की हार का बदला और अयोध्या को लेकर सियासी बढ़त बनाए रखने का जरिया. 

जल्द होगा मिल्कीपुर में उपचुनाव

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने मिल्कीपुर उपचुनाव को लेकर दाखिल याचिका वापस लेने की मंजूरी दे दी है.  उच्च न्यायालय में अधिवक्ता अशोक कुमार शुक्ल ने कहा कि, 'आदेश अपलोड होने में एक-दो दिन लगेंगे. कोर्ट ने पूर्व विधायक के वापसी प्रार्थनापत्र को स्वीकार कर याचिका को डिसमिस कर दिया.  मुख्य निर्वाचन अधिकारी अब निर्वाचन आयोग को उपचुनाव के बारे में जानकारी भेजेंगे. उसी के बाद उप चुनाव का कार्यक्रम निर्वाचन आयोग घोषित करेगा. उपचुनाव की सारी तैयारी जिला प्रशासन पहले ही कर चुका है.' उपचुनाव कार्यक्रम घोषित होने की उम्मीद बढ़ते ही जिले में ठप पड़ी राजनीतिक गतिविधियां एक बार फिर जोर पकड़ेंगी.

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12 दिंसबर को 6 महीने होंगे पूरे

मिल्कीपुर में  उपचुनाव 2022 में विधायक निर्वाचित अवधेश प्रसाद के सांसद चुने जाने के कारण होगा.  बता दें कि यूपी में 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना था लेकिन, उपचुनाव घोषणा के समय याचिका की वजह से मिल्कीपुर में उपचुनाव रोक दिया गया था. प्रदेश की उपचुनाव वाली अन्य नौ सीटों लिए मतदान 20 नवंबर व मतगणना 23 नवंबर को हो चुकी है. सिर्फ मिल्कीपुर सीट के लिए उपचुनाव होना है. 13 जून को अवधेश प्रसाद ने इस विधानसभा की सदस्यता से त्यागपत्र दिया था.  12 दिसंबर को उनके त्यागपत्र के छह माह पूरे हो जाएंगे, जिसमें अब 17 दिन ही बाकी रह गये हैं.  बता दें कि किसी भी सीट के खाली होने पर वहां 6 महीने में दोबारा चुनाव कराना होता है. 

भाजपा ने अबतक नहीं उतारा है उम्मीदवार

मिल्कीपुर में भारतीय जनता पार्टी ने अभी उम्मीदवार नहीं घोषित किया है. उपचुनाव के परिणामों से उत्साहित भाजपा में टिकट के दावेदारों की लंबी लाइन है. वे पार्टी टिकट को ही जीत की गारंटी मानने लगे हैं. समाजवादी पार्टी ने सांसद अवधेश प्रसाद के पुत्र अजीत प्रसाद को प्रत्याशी बनाया है.

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प्रत‍िष्‍ठा का सवाल बना म‍िल्‍कीपुर उपचुनाव

भाजपा ने कटेहरी विधानसभा उपचुनाव में मिली शानदार जीत के बाद अब मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव में भी अपनी वर्तमान रणनीति पर आगे बढ़ने का फैसला किया है. भाजपा के लिए मिल्कीपुर सीट का उपचुनाव प्रतिष्ठा का सवाल बन चुका है, क्योंकि यह सीट सपा के महासचिव अवधेश प्रसाद के सांसद चुने जाने से खाली हुई है. इस जीत के बाद भाजपा नेताओं का मनोबल ऊंचा है और वे पूरे आक्रामक तेवर के साथ चुनाव में उतरने की तैयारी कर रहे हैं.

मिल्कीपुर में दोबारा चुनाव होने का रास्ता साफ होने पर यूपी सरकार में मंत्री जयवीर सिंह ने यूपी तक से कहा कि,  'उपचुनाव में जो कमी रह गई उसे अयोध्या में जीत के साथ पूरा करेंगे. जिस तरह से करहल में जो बढ़त बीजेपी को मिली है और हर का अंतर कम हुआ है. वह बढ़त और जीत अब अयोध्या की मिल्कीपुर सीट पर बीजेपी दर्ज करेगी. सपा द्वारा फैलाया गया संविधान के नाम पर झूठ अब जनता के सामने आ गया है.'

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अवधेश प्रसाद ने कही ये बात

वहीं मिल्कीपुर ने अब होने वाले सपा और बीजेपी के सीधे मुकाबले पर अयोध्या से सपा सांसद अवधेश प्रसाद ने यूपी तक से कहा कि, 'मिल्कीपुर को लेकर बीजेपी सपा से डरी हुई है. इसी वजह से सीएम योगी ही वहां जमे हुए हैं और कई बार वहां रैली करने पहुंचे. बीजेपी ने मिल्कीपुर को अब एक राष्ट्रीय चुनाव मान लिया है. लेकिन इन्हें जो संगठन और एजेंसियों द्वारा सूचनाओं मिली इन्हें पता चला कि बीजेपी वहां से बुरी तरह हारेगी और सपा जीतेगी. इसलिए चुनाव टालने का काम किया था. अब दोबारा चुनाव होगा तो सपा ही जीतेगी.'

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