मल्लिकार्जुन खड़गे के बचपन की किस ट्रैजिडी का जिक्र कर उनके बेटे प्रियांक के निशाने पर आ गए CM योगी?
Maharashtra Assembly Election 2024: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में आए दिन नए मुद्दे सामने आ रहे हैं, जिसमें महायुति और महाविकास आघाड़ी एक दूसरे को खूब घेरने में लगी हुई हैं.
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Maharashtra Assembly Election 2024: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में आए दिन नए मुद्दे सामने आ रहे हैं, जिसमें महायुति और महाविकास आघाड़ी एक दूसरे को खूब घेरने में लगी हुई हैं. चुनाव प्रचार के दौरान नेता एक-दूसरे पर अपने बयानों के खूब सियासी तीर भी छोड़ रहे हैं. इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और उनके परिवार पर दिया गया एक बयान काफी चर्चा में है. वहीं अब मल्ल्किार्जुन खड़गे के बेटे और कर्नाटक सरकार ने मंत्री प्रियांक खड़गे ने सीएम योगी के बयान पर पलटवार किया है.
सीएम योगी ने इस घटना का किया था जिक्र
बता दें कि सीएम योगी ने रविवार को अमरावती में एक चुनावी रैली में दावा किया कि, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने रजाकारों के हमले में अपनी मां और बहन की हुई दुखद मौत पर जानबूझकर चुप्पी साध रखी है. योगी का दावा है कि मुस्लिम वोट खोने के डर से खरगे इस मामले पर कुछ नहीं बोल रहे हैं. सीएम योगी ने कहा कि, कांग्रेस अध्यक्ष को मुझ पर नहीं बल्कि हैदराबाद के निजाम पर गुस्सा करना चाहिए, जिसने उनका गांव जला दिया था और उनके परिजनों को भी आग के हवाले करके मार दिया था. इस बयान के बाद सियासी हंगामा खड़ा हो गया. वहीं सीएम योगी के इस बयान पर प्रियांक खड़गे ने पलटवार किया है.
CM योगी पर भड़के प्रियांक खड़गे
प्रियांक खड़गे (Priyank Kharge) ने अपने पिता मल्लिकार्जुन खड़गे की बचपन की त्रासदी का मुद्दा उठाने के लिए योगी आदित्यनाथ पर जमकर हमला किया. प्रियांक ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, "यह रजाकारों ने किया था, पूरे मुस्लिम समुदाय ने नहीं. हर समुदाय में बुरे लोग और गलत काम करने वाले लोग होते हैं. मेरे पिता इस त्रासदी से बाल-बाल बच गए और 9 बार विधायक, 2 बार लोकसभा और राज्यसभा सांसद, एक बार केंद्रीय मंत्री, लोकसभा के नेता और कांग्रेस अध्यक्ष बने.
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क्या थी वो घटना
सीएम योगी जिस घटना का जिक्र अपने बयान में किया वो 1946 का मामला था, जब मल्लिकार्जुन खड़गे के गांव वरवट्टी में निजाम के कुछ सैनिकों (रजाकारों) ने आग लगा दी थी. जिन घरों में आग लगाई गई थी उनमें से एक घर खड़गे का था. हैदराबाद के भारत में विलय से पहले राजनीतिक अशांति के दौरान, सीनियर कांग्रेस नेता के गांव को निजाम समर्थक मिलिशिया रजाकरों ने जला दिया था. जिस वक़्त उनके घर पर हमला हुआ खड़गे 3 साल के थे और उनकी मां और बहन के साथ घर में थे. इस त्रासदी में मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपनी मां, बहन और परिवार के अन्य सदस्यों को खो दिया था.
बता दें कि रजाकार एक अर्धसैनिक बल था जो हैदराबाद की पूर्ववर्ती रियासत में सेवारत था. उसका प्राथमिक उद्देश्य हैदराबाद के मुस्लिम निजामों के शासन को बनाये रखना और हैदराबाद को भारत में विलय होने से रोकना था.
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