रामचरितमानस का विरोध हिन्दू समाज को तोड़ने के सपा, राजद के षड्यंत्र का हिस्सा: विहिप

भाषा

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UP News: विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने सोमवार को आरोप लगाया कि रामचरितमानस के खिलाफ हाल के दिनों में किया गया विरोध हिन्दू समाज को तोड़ने के समाजवादी पार्टी (सपा) और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के षड्यंत्र का हिस्सा है और यह कभी सफल नहीं होगा. कुमार ने कहा कि प्रभु राम भारत की राष्ट्रीय एकता एवं सद्भाव के प्रतीक हैं और सदैव बने रहेंगे.

विहिप के कार्याध्यक्ष ने अपने वीडियो संदेश में कहा, “हाल में हमने देखा है कि रामचरितमानस पर प्रतिबंध की मांग की गई, इसके पन्ने जलाए गए और कहा गया कि यह दलितों, महिलाओं और ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) विरोधी है.” उन्होंने कहा कि सवाल यह उठता है कि यह विरोध सब जगह अचानक एक साथ कैसे शुरू हुआ.

कुमार ने कहा, “जब स्वामी प्रसाद मौर्य ने (रामचरितमानस के खिलाफ) कहा तो हमने अंदाजा लगाया कि यह उनका व्यक्तिगत विचार होगा लेकिन समाजवादी पार्टी ने उन्हें दो ही दिन बाद पार्टी का राष्ट्रीय महामंत्री बना दिया.” उन्होंने कहा, “सी प्रकार बिहार में भी मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर ने जो कहा, उसे लेकर उनकी पार्टी ने उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की.”

कुमार ने कहा कि ऐसे में यह निश्चित ही सपा और लालू प्रसाद यादव की पार्टी की राजनीति का अगला कदम है, जिनका मकसद “अनुसूचित समाज के लोगों को हिंदू समाज से तोड़ना और अगले चुनाव की बिसात बिछाना है.” उन्होंने कहा, “इस प्रकार का गठबंधन एक षड्यंत्र का हिस्सा है और यह कभी सफल नहीं होगा.”

कुमार ने कहा, “प्रभु राम लोगों को जोड़ने वाले हैं और वह 14 वर्ष जंगलों में नंगे पांव घूमकर समाज के सभी वर्गों के लोगों से मिलते रहे। इस मजबूत रिश्ते को ना तो आज तक कोई तोड़ पाया है और न कोई तोड़ पाएगा.”

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विहिप के कार्याध्यक्ष ने कहा कि जो लोग इस तरह का कार्य करके समाज की एकता को तोड़ने का प्रयास करते हैं, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि विश्व हिंदू परिषद कानून और संविधान के तहत सड़क से अदालत तक ऐसे कृत्य का विरोध करेगा.

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