Ram Mandir Inauguration: प्राण प्रतिष्ठा का शुभ मुहूर्त और राम मंदिर की 20 विशेषताएं जानिए
Ram Mandir in Ayodhya: रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए 22 जनवरी को 12 बजकर 29 मिनट 8 सेकंड से 12 बजकर 30 मिनट 32 सेकंड तक का समय रहेगा.
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अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन 22 जनवरी को होगा. 22 जनवरी को रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर तैयारियां तेज हो गई हैं. रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए 84 सेकंड का शुभ मुहूर्त चुना गया है. रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए 22 जनवरी को 12 बजकर 29 मिनट 8 सेकंड से 12 बजकर 30 मिनट 32 सेकंड तक का समय रहेगा.
22 जनवरी को ही क्यों प्राण प्रतिष्ठा?
बता दें कि श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने रामलला की स्थापना के लिए कई तारीखों के विकल्प दिए थे जिसमें 17 जनवरी से 25 जनवरी तक के 5 तारीख थे, लेकिन काशी के ज्योतिषाचार्य पंडित गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ में 22 जनवरी तारीख और एक मुहूर्त चुना.
इन विद्वान ज्योतिषाचार्य के मुताबिक, 22 जनवरी मुहूर्त के लिहाज से कई वाणों से दोष मुक्त है. यह तारीख और यह मुहूर्त अग्निबाण मृत्युबाण,चोरवाण, नृपवाण और रोगवान से मुक्त है.
प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के दौरान अयोध्या में रहेगी अभूतपूर्व सुरक्षा, AI का भी होगा इस्तेमाल
अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दौरान सुरक्षा के अभूतपूर्व इंतजाम किए गए हैं. अयोध्या को सुरक्षा के लिहाज से कई जोन में बांटा गया है. रेड और यलो जोन की निगरानी ड्रोन से की जाएगी. पुलिस सुरक्षा व्यवस्था के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का भी इस्तेमाल करेगी. राम मंदिर की सुरक्षा की जिम्मेदारी केंद्रीय सुरक्षा बलों के अलावा यूपी एसटीएफ को भी सौंपी गई है. अयोध्या में अर्धसैनिक बल के जवानों के साथ एनएसजी कमांडो की भी तैनाती की जाएगी. श्री राम जन्मभूमि की सुरक्षा में करीब 25 हजार जवान लगाए जाएंगे. फिदायीन हमले रोकने के लिए भी खास तैयारी की गई है.
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कैसा है प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का निमंत्रण कार्ड?
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का निमंत्रण कार्ड आकर्षक है. इसमें मंदिर की एक भव्य तस्वीर है. इसके अलावा बालरूप प्रभु श्रीराम को भी दर्शाया गया है. इसके साथ एक पुस्तिका भी है, जिसमें राम जन्मभूमि आंदोलन से जुड़े व्यक्तियों की संक्षिप्त जानकारी दी गई है. मंदिर ट्रस्ट द्वारा आमंत्रित किए जाने वाले लोगों की सूची में 7,000 से अधिक लोग हैं. इनमें क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली, अभिनेता अमिताभ बच्चन और उद्योगपति मुकेश अंबानी और गौतम अडाणी भी शामिल हैं. पिछले दिनों आलिया और रणबीर कपूर को भी निमंत्रण का कार्ड सौंपा गया है.
मंदिर ट्रस्ट के सदस्य ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया है कि कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों से लोगों को आमंत्रित किया है. इसमें अंतरिक्ष अन्वेषण से लेकर कला क्षेत्र तक के लोग शामिल हैं. इसके अलावा भूले-बिसरे आदिवासियों से लेकर वास्तुकारों को निमंत्रण दिया जा रहा है.
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ये हैं राम मंदिर की 20 विशेषताएं
- मंदिर परम्परागत नागर शैली में बनाया जा रहा है.
- मंदिर की लंबाई (पूर्व से पश्चिम) 380 फीट, चौड़ाई 250 फीट तथा ऊंचाई 161 फीट रहेगी.
- मंदिर तीन मंजिला रहेगा. प्रत्येक मंजिल की ऊंचाई 20 फीट रहेगी. मंदिर में कुल 392 खंभे व 44 द्वार होंगे.
- मुख्य गर्भगृह में प्रभु श्रीराम का बालरूप (श्रीरामलला सरकार का विग्रह), तथा प्रथम तल पर श्रीराम दरबार होगा.
- मंदिर में 5 मंडप होंगे: नृत्य मंडप, रंग मंडप, सभा मंडप, प्रार्थना मंडप व कीर्तन मंडप.
- खंभों-दीवारों में देवी देवता तथा देवांगनाओं की मूर्तियां उकेरी जा रही हैं.
- मंदिर में प्रवेश पूर्व दिशा से 32 सीढ़ियां चढ़कर सिंहद्वार से होगा.
- दिव्यांगजन-वृद्धों के लिए मंदिर में रैम्प व लिफ्ट की व्यवस्था रहेगी.
- मंदिर के चारों ओर आयताकार परकोटा रहेगा. चारों दिशाओं में इसकी कुल लंबाई 732 मीटर तथा चौड़ाई 14 फीट होगी.
- परकोटा के चारों कोनों पर सूर्यदेव, मां भगवती, गणपति व भगवान शिव को समर्पित चार मंदिरों का निर्माण होगा. उत्तरी भुजा में मां अन्नपूर्णा व दक्षिणी भुजा में हनुमान जी का मंदिर रहेगा.
- मंदिर के पास पौराणिक काल का सीताकूप विद्यमान रहेगा.
- मंदिर परिसर में प्रस्तावित अन्य मंदिर- महर्षि वाल्मीकि, महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, निषादराज, माता शबरी व ऋषिपत्नी देवी अहिल्या को समर्पित होंगे.
- दक्षिण पश्चिमी भाग में नवरत्न कुबेर टीला पर भगवान शिव के प्राचीन मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया है. साथ ही वहां जटायु प्रतिमा की स्थापना की गई है.
- मंदिर में लोहे का प्रयोग नहीं हुआ है. धरती के ऊपर बिलकुल भी कंक्रीट नहीं है.
- मंदिर के नीचे 14 मीटर मोटी रोलर कॉम्पेक्टेड कंक्रीट (RCC) बिछाई गई है. इसे कृत्रिम चट्टान का रूप दिया गया है.
- 16. मंदिर को धरती की नमी से बचाने के लिए 21 फीट ऊंची प्लिंथ ग्रेनाइट से बनाई गई है.
- मंदिर परिसर में स्वतंत्र रूप से सीवर ट्रीटमेंट प्लांट, वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट, अग्निशमन के लिए जल व्यवस्था तथा स्वतंत्र पॉवर स्टेशन का निर्माण किया गया है, ताकि बाहरी संसाधनों पर न्यूनतम निर्भरता रहे.
- 25 हजार क्षमता वाले एक दर्शनार्थी सुविधा केंद्र (Pilgrims Facility Centre) का निर्माण किया जा रहा है. यहां दर्शनार्थियों का सामान रखने के लिए लॉकर और चिकित्सा की सुविधा रहेगी.
- मंदिर परिसर में स्नानागार, शौचालय, वॉश बेसिन, ओपन टैप्स आदि की सुविधा भी रहेगी.
- मंदिर का निर्माण पूर्णतया भारतीय परम्परानुसार व स्वदेशी तकनीक से किया जा रहा है. पर्यावरण-जल संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. कुल 70 एकड़ क्षेत्र में 70% क्षेत्र सदा हरित रहेगा.
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