राज ठाकरे के अयोध्या दौरे का विरोध कर रहे बृज भूषण का क्या है मुंबई कनेक्शन? जानिए
राज ठाकरे के अयोध्या दौरे का विरोध कर रहे कैसरगंज के बीजेपी सांसद बृज भूषण शरण से उनके मुंबई कनेक्शन के बारे में पूछा गया,…
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राज ठाकरे के अयोध्या दौरे का विरोध कर रहे कैसरगंज के बीजेपी सांसद बृज भूषण शरण से उनके मुंबई कनेक्शन के बारे में पूछा गया,…
राज ठाकरे के अयोध्या दौरे का विरोध कर रहे कैसरगंज के बीजेपी सांसद बृज भूषण शरण से उनके मुंबई कनेक्शन के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि इंटरनेट से खोजकर पढ़ लीजिए. तो हमने सोचा, चलिए थोड़ा कीबोर्ड पीटते हैं और थोड़े से पुराने खबरों को निकालते हैं और आपको भी बताते हैं कि बृज भूषण का मुंबई कनेक्शन.
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इस कहानी को जानने के लिए 1992 के मुंबई में चलना होगा. ये दौर था, जिसे बड़े प्यार से नाइजिस्ट कहते हैं. बॉलीवुड फिल्में और मुंबई का अंडरवर्ल्ड, दोनों जब खूब चर्चा में रहता था. अरुण गौली, दाउद इब्राहिम, छोटा शकिल, छोटा राजन ये वो दौर, जब इनका अपना एक अलग ही शगल था. इस शगल एक पड़ाव था जेजे हॉस्पिटल शूट आउट.
इस कहानी की भी शुरुआत 1992 को होती है. जब अरुण गवली गैंग के चार शूटर दाऊद के बहनोई और हसीना परकार के पति इब्राहिम परकार का मर्डर कर देते हैं. ऐसे में दाऊद इब्राहिम की हत्या में शामिल चार शूटरों- शैलेश हलदनकर, बिपिन शेरे, राजू बटाटा और संतोष पाटील को मारने के लिए अपने शूटर को बोलता है.
इस बीच शैलेश और विपिन पब्लिक के हाथ लग गए और इनकी इतनी पिटाई हुई कि हॉस्पिटल पहुंच गए. इस हॉस्पिटल का नाम था जेजे हॉस्पिटल और यहीं हुआ धमाकेदार शूट आउट. करीब 20 शूटर ने 500 राउंड फायरिंग की. इसमें शैलेश हलदनकर और दो पुलिस वालों की मौत हो गई. इन शूटर में एक नाम था पूर्व एमएलसी बृजेश सिंह का. और यहीं से एंट्री होती है बृज भूषण शरण सिंह की.
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पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, एक बगल की बिल्डिंग से फायरिंग की गई थी. इसमें बृजेश सिंह और सुभाष ठाकुर शामिल थे. और आरोप लगा कि ये दोनों उस वक्त मंत्री कल्पनाथ राय के बंगले पर रुके थे. इस केस में CBI की एंट्री हुई, तो कल्पनाथ राय और बृज भूषण शरण सिंह, दोनों पर दाऊद के शूटर को शरण देने के लिए डाटा लगाया.
इस मामले में बृज भूषण और कल्पनाथ को जेल भी जाना पड़ा. यहीं नहीं, कहा जाता है कि जब 1996 में डाटा के अंदर जेल में बंद बृज भूषण को तिहाड़ शिफ्ट किया, तब अटल विहारी वाजपेयी ने उन्हें चिट्ठी भी लिखी थी.
हालांकि, बाद में इस मामले में बृज भूषण को क्लीन चिट्टी मिल गई. सुभाष ठाकुर को तो सजा हुई, जबकि बृजेश सिंह बाद में इस केस में बरी हो गए. तो अब समझ गए होंगे कि बृज भूषण किसी मुंबई कनेक्शन की बात पर इंटरनेट खंगालने की बात कह रहे थे.
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