दिलचस्प मोड़ पर पहुंचा ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी केस, कार्बन डेटिंग को लेकर फैसला सुरक्षित
वाराणसी के चर्चित श्रृंगार गौरी और ज्ञानवापी मामले (Shringar Gauri and Gyanvapi case) में जिला जज की अदालत में सुनवाई के दौरान केस दिलचस्प मोड़…
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वाराणसी के चर्चित श्रृंगार गौरी और ज्ञानवापी मामले (Shringar Gauri and Gyanvapi case) में जिला जज की अदालत में सुनवाई के दौरान केस दिलचस्प मोड़…
वाराणसी के चर्चित श्रृंगार गौरी और ज्ञानवापी मामले (Shringar Gauri and Gyanvapi case) में जिला जज की अदालत में सुनवाई के दौरान केस दिलचस्प मोड़ पर आ पहुंचा है. जहां एक ओर चार याची महिलाओं की तरफ से वकील विष्णु शंकर जैन कमीशन की कार्यवाही के दौरान मिले कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग की मांग से बैकफुट पर होते दिखाई पड़े.
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वहीं पहले से ही कार्बन डेटिंग (Carbon Dating) के खिलाफ हिंदू पक्ष की तरफ से वादिनी राखी सिंह के वकील और मुस्लिम पक्ष भी एक साथ इस बात पर सहमत नजर आए कि कार्बन डेटिंग नहीं होनी चाहिए. अब 7 अक्टूबर को कार्बन डेटिंग को लेकर फैसला सुनाया जाएगा.
वाराणसी के श्रृंगार गौरी और ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Mosque Case) मामले में सुनवाई काफी दिलचस्प होती चली जा रही है. पिछले साल 22 अक्टूबर की तारीख पर जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में हिंदू पक्ष की तरफ से वादी संख्या 2 से लेकर 5 यानी सीता साहू, मंजू व्यास, रेखा पाठक और लक्ष्मी देवी की तरफ से वकील विष्णु शंकर जैन कमीशन की कार्यवाही के दौरान मिले शिवलिंग की कार्बन डेटिंग के लिए प्रार्थना पत्र दिया था.
वहीं, इस बार कोर्ट में लगभग 1 घंटे तक चली सुनवाई से निकलने पर उन्होंने बताया कि उनकी तरफ से केवल कार्बन डेटिंग की मांग नहीं की गई थी, बल्कि शिवलिंग के परीक्षण के लिए कार्बन डेटिंग के अलावा अन्य तरीकों की भी मांग की गई थी.
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इस बारे में खुद विष्णु शंकर जैन ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के 20 मई के आदेश में लिखा हुआ है कि जिला जज सारे एप्लीकेशन को डिसाइड कर सकते हैं.
कोर्ट में कार्बन डेटिंग कराए जाने की मांग पर छिछालेदर होने के बाद पीछे हटते हुए विष्णु शंकर जैन ने बताया कि उनकी एकदम मंशा नहीं है कि कथित शिवलिंग के साथ किसी तरह की छेड़छाड़ हो या कथित शिवलिंग को डैमेज किया जाए. साइंटिफिक माध्यम से कथित शिवलिंग की जांच हो और रिपोर्ट कोर्ट में सबमिट हो कि कथित शिवलिंग कितना पुराना है? बगैर किसी छेड़छाड़ के.
उन्होंने सफाई दी कि उन्होंने अपने प्रार्थना पत्र में पहले ही लिखा है कि कार्बन डेटिंग और अदरवाइज. उन्होंने बताया कि समाज में यह भ्रम फैलाया गया है कि हमने गलत मांग की है. ASI जहां कार्बन डेटिंग की जरूरत समझेगा, वहां वह कार्बन डेटिंग करेगा या अन्य तरीके से जांच करेगा. उन्होंने आगे बताया कि अगली 7 अक्टूबर की तारीख पर इस मामले पर कोर्ट आर्डर देगा.
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इस मामले से जुड़ी वीडियो रिपोर्ट को खबर की शुरुआत में शेयर किए गए Varanasi Tak के वीडियो पर क्लिक कर देखें.
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