UP 69000 Teacher Recruitment : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 69 हजार शिक्षक भर्ती में आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने सोमवार को प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के आवास के सामने जोरदार प्रदर्शन किया. इन अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट लखनऊ की डबल बेंच से आए आदेश का पालन करने की मांग को लेकर धरना दिया और नारेबाजी की. प्रदर्शन में शामिल अभ्यर्थियों ने नियुक्ति में देरी और आरक्षित वर्ग के साथ हुए अन्याय का मुद्दा उठाते हुए तत्काल कार्रवाई की मांग की.
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डिप्टी सीएम के आवास का किया घेराव
बता दें कि हाई कोर्ट के आदेश के बाद हजारों की संख्या में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के घर के सामने प्रदर्शन करने वाले अभ्यर्थियों, हाई कोर्ट के आदेश के अनुपालन की मांग कर रहे हैं. प्रदर्शन करते हुए अभ्यर्थी कह रहे हैं कि 'योगी जी न्याय करो…केशव चाचा न्याय करो'. जानकारी के मुताबिक डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के घर के बाहर धरना प्रदर्शन कर रहे शिक्षक अभ्यर्थियों पर पुलिस ने लाठी भी चलाई है. अभ्यर्थियों का कहना है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने 13 अगस्त को दिए आदेश का पालन होना चाहिए, जिसमें 69000 शिक्षक भर्ती की पूरी लिस्ट को रद्द करने का निर्देश दिया गया था. कोर्ट ने 3 माह के अंदर बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 और आरक्षण नियमावली 1994 के अनुसार नई सूची बनाने का आदेश दिया था.
अभ्यर्थी कर रहे ऐसी मांग
बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में बनाई गई मेरिट लिस्ट को रद्द कर दिया था. हालांकि, सरकार ने अब तक इस आदेश के पालन में कोई ठोस कदम नहीं उठाया है. अभ्यर्थियों ने मांग की है कि सरकार जल्द से जल्द नई चयन सूची जारी कर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को न्याय दे. इसके साथ ही, पुराने अधिकारियों को हटाकर नए अधिकारियों को नियुक्ति प्रक्रिया की जिम्मेदारी दी जाए, ताकि पूरी प्रक्रिया पारदर्शी रूप से संपन्न हो सके.
मालूम हो कि शिक्षक भर्ती को लेकर अभ्यर्थियों का दावा था कि 69 हजार शिक्षक भर्ती में ओबीसी वर्ग को 27 फीसदी की जगह सिर्फ 3.86 फीसदी आरक्षण मिला है, यानी 18598 सीटों में से ओबीसी वर्ग को सिर्फ 2637 सीटें ही मिलीं. जबकि उस वक्त सरकार का कहना था कि ओबीसी वर्ग से करीब 31 हजार लोगों की नियुक्ति हुई.
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