Ayodhya Ram Mandir News : उत्तर प्रदेश के अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है, जिसकी तैयारियां जोरों पर है. पूरी दुनिया इस ऐतिहासिक पल की साक्षी बनेगी. अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा की रूपरेखा तय हो चुकी है. 15 जनवरी से 22 जनवरी तक कई अनुष्ठान होंगे. इससे पहले सरयू तट पर साधु-संतों का समागम लगाने लगा है. वहीं राम मंदिर आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले श्रीतुलसी पीठाधीश्वर जगद्गुरु रामभद्राचार्य से हमारे सहयोगी चैनल आजतक से खास बातचीत की.
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‘राघवेन्द्र सरकार ने लिया बदला…’
आजतक से बता करते हुए श्रीतुलसी पीठाधीश्वर जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने बताया कि, ‘राम मंदिर के निर्माण की उन्हें काफी सालों से प्रतिक्षा थी. जैसे एक माली को अपने रोपे पौधे को पर फल आने की प्रतिक्षा होती है.’ वहीं राम मंदिर आंदोलन को याद करते हुए रामभद्राचार्य ने बताया कि पुलिस की कठोर यातनाएं सहीं. जेल गए. पुलिस के डंडे सहे. पुलिस का एक डंडा ऐसा लगा कि मेरी दाहिनी कलाई टेड़ी हो गई. लेकिन भगवान की कृपा से राघवेन्द्र (भगवान राम) सरकार ने अपने अपमान का बदला ले लिया.
इंदिरा गांधी को लेकर किया ये दावा
उन्होंने आगे बताया कि जब कोर्ट में राम मंदिर का साक्ष्य देने की बारी आई तो कोर्ट ने उनसे पूछा आप तो दृष्टिबाधित हैं, कैसे साक्ष्य प्रस्तुत करेंगे. मैंने शपथपत्र प्रस्तुत किया और कोर्ट से पूछा आप किस विषय में साक्ष्य लेना चाहते हैं. कोर्ट ने कहा शास्त्र के विषय में. मैंने कहा कि उसके लिए आंखों की जरूरत नहीं होती. शास्त्र ही सबका नेत्र होता है. स्वामी रामभद्राचार्य ने आहे बताया कि, ‘मुझे तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 1974 में प्रस्ताव दिया कि वो मेरी आंखें बनवा सकती हैं. मैंने कहा कि ये संसार देखने योग्य नहीं है और मैंने उनका प्रस्ताव ठुकरा दिया.’
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