UP News: तो बहराइच में आखिरकार बुलडोजर एक्शन हो गया. प्रशासन के बुलडोजरों ने सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 29 भवनों को तोड़ डाला तो वहीं प्रभावित हुए लोगों का दावा है कि 100 से ऊपर भवनों पर बुलडोजर कार्रवाई की गई है. प्रशासन के कई सारे बुलडोजरों ने मिलकर ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए सारे निर्माण को ध्वस्त कर दिया.
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अब इस बुलडोजर एक्शन के बाद तमाम परिवार बेघर हो गए हैं. वह अब अपने घर का सामान लिए अपने घरों के बाहर चारपाई पर बैठे हैं. जिन घरों में लोग रहते थे और जिन दुकानों से रोजी-रोटी चलती थी, वह सब अब खत्म हो चुका है. अब इन लोगों को समझ नहीं आ रहा है ये कहां जाए और कैसे अपनी जिंदगी को फिर शुरू करें?
रसूल जैसे कई परिवारों का आशियाना खत्म हुआ
हाई कोर्ट और प्रशासन ने आदेश दिया था कि ये जमीन सरकार की है. यहां पिछले कई सालों से लोगों ने अवैध कब्जा कर लिया था. दूसरी तरफ यहां रहने वाले लोगों का कहना था कि यहां उनके घर बने हैं और उनकी जिंदगी यही हैं. यहां रहने वाले लोगों का कहना था कि इससे पहले उन्हें कभी नहीं बताया गया कि ये जमीन सरकारी जमीन है. लोगों ने अपने आशियानों और दुकानों को बचाने की काफी कोशिश की. मगर आखिरकार कोर्ट के आदेशों का पालन किया गया और प्रशासन ने बुलडोजर कार्रवाई कर दी.
इस कार्रवाई की चपेट में रसूल अहमद जैसे कई परिवार आए हैं. रसूल का पूरा परिवार घर के आगे बैठा है और सारा सामान बिखरा पड़ा है. रसूल अहमद की पत्नी कुलसम इदरीसी का भी रो-रोकर बुरा हाल है. सामने पूरा भविष्य पड़ा है. मगर अब रोजी-रोटी और आशियाना ही खत्म हो गया है.
‘हमारी जान ही ले लेते’
रसूल और उसकी पत्नी का कहना है कि वह यहां पिछले 40-50 सालों से रह रहे थे. कभी किसी ने कुछ नहीं कहा. मगर अब अचानक से नोटिस आ गया और बिलडोजर भी आ गए. रसूल अहमद की पत्नी कुलसम इदरीसी का कहना है कि इससे अच्छा तो जान ही ले लेते. यहां दो रोटी का ठिकाना नहीं रहता. अब घर कहां से होगा.
योगी सरकार से की गुजारिश
इस पूरे मामले में जो भी लोग बेघर हुए हैं, उन्होंने यूपी की योगी सरकार से मांग की है कि उन्हें राज्य सरकार द्वारा किसी योजना के माध्यम से रहने के लिए आवास दिलवाया जाए. बेघर हुए निवासियों ने कोर्ट के आदेश का सम्मान करते हुए कोई समाधान निकालने की भी बात कही है.
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