बाहुबली अतीक अहमद के भाई अशरफ के साले सद्दाम पर भी शिकंजा कसता नजर आ रहा है. बरेली के एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने सद्दाम पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था, जिसे आईजी बरेली रेंज ने बढ़ाकर 50 हजार रुपये कर दिया है.
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इस संबंध में एनबीडब्ल्यू वारंट भी जारी हो चुका है, जिसे सामान्य भाषा में गैर जमानती वारंट भी कहते हैं. सद्दाम की तलाश के लिए बरेली और प्रदेश के अन्य जनपदों की पुलिस टीम और एसटीएफ की जगह-जगह छापेमारी कर रही है.
आरोपी सद्दाम की फोटो को भी पुलिस की ओर से जारी किया गया है. आरोपी सद्दाम के खिलाफ थाना बिथरी चैनपुर में षड्यंत्र रचने, साक्ष्य मिटाने जैसी संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज है.
सद्दाम पर है ये गंभीर आरोप
आरोपित सद्दाम पर हत्याकांड में शामिल आरोपियों को संरक्षण देने का आरोप है. उमेश पाल हत्याकांड की जांच में यह बात सामने आई कि बरेली जेल में बंद रहे अशरफ अहमद ने अपने साले सद्दाम के माध्यम से स्थानीय स्तर पर पूरा नेटवर्क खड़ा किया था. पुराना शहर चक महमूद मोहल्ले में रहने वाले लल्ला गद्दी,सद्दाम का मुख्य गुर्गा था. इसके बाद इसने जेल में भी एक बड़ा नेटवर्क अपना बनाया. बता दें कि शनिवार को अशरफ अहमद और उसके भाई अतीक अहमद की गोली मारकर हत्या कर दी गई.
11 फरवरी को जेल में शूटरों को मिलवाया था
सद्दाम ने जब जेल में अपना नेटवर्क खड़ा कर लिया था तब उसका सहयोगी लल्ला गद्दी और सद्दाम दोनों की मदद से अशरफ जिससे चाहता उससे आसानी से मुलाकात करता था औरजेल में बैठे-बैठे अपने कारनामों को अंजाम तक पहुंचा था. बताया यह भी जा रहा है कि 11 फरवरी को भी जेल में शूटरों से मुलाकात का पूरा ताना-बाना सद्दाम ने ही बुना था.
पुलिस ने थाना बिथरी चैनपुर में सद्दाम और लल्ला गद्दी कैंटीन संचालक दयाराम उर्फ नन्हे जेल वार्डन शिव हरी अवस्थी जेल अधिकारी, कर्मचारी व अन्य साथी के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई थी. अशरफ अहमद ॉ, सद्दाम लल्ला गद्दी पर षड्यंत्र रचने, साक्ष्य मिटाने जैसे कई संगीन मामला दर्ज किए गए हैं.
लल्ला गद्दी पहले ही कर चुका है सरेंडर
लल्ला गद्दी ने बीते महीने ही बरेली पुलिस के सामने देर रात सरेंडर कर दिया था क्योंकि लल्ला गद्दी को भी अंदाजा हो चुका था कि पुलिस कभी भी उसका एनकाउंटर कर सकती है. इस संबंध में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें साफ दिखाई दे रहा था कि लल्ला गद्दी ने पुलिस को सूचना दी फिर खुद को सरेंडर किया है.
अशरफ से जेल में एक आई़डी से मिलते थे 10-10 लोग
अशरफ मामले में अब तक 8 लोग गिरफ्तार हुए हैं, जिसमें दो जेल के सिपाही थे. एंट्री रजिस्टर और सीसीटीवी फुटेज से पता चला है कि करीब 45 लोग जेल में अशरफ से मिलने आए थे. इन्होंने अपने आधार कार्ड लगाए थे. इसमें 28 प्रयागराज के 9 से 10 बरेली और 3 पीलीभीत के शामिल थे. भले ही आईडी 45 लोगों की लगी हो, लेकिन एक-एक आईडी पर अशरफ से करीब 10-10 लोग मिलते थे.
उमेश पाल की हत्या से पहले 13 लोगों से मिला था अशरफ
उमेश पाल की दिन दहाड़े हत्या से 13 दिन पहले यानी 11 फरवरी को अशरफ से मिलने 8 से 9 लोग आए थे. पुलिस और अन्य एजेंसी को सीसीटीवी की जांच करने से यह जानकारी मिली है. इस मुलाकात में अतीक का बेटा असद, लल्ला गद्दी, उस्मान चौधरी और गुड्डू मुस्लिम मोहम्मद सहित करीब 8 से 9 लोग शामिल थे. यह मुलाकात आकिब नाम की आईडी पर हुई थी, जो प्रयागराज की थी.
26 दिसंबर को सद्दाम बरेली जेल में अशरफ से मिला था
पुलिस सूत्रों के अनुसार, सद्दाम 26 दिसंबर के बाद से बरेली नहीं आया. यह उसकी प्लानिंग का हिस्सा भी हो सकता है. हालांकि, उसके गुर्गे लगातार अशरफ से मिलते रहे. इसमें बारादरी क्षेत्र का निवासी लल्ला गद्दी भी शामिल था. लिहाजा, अब सद्दाम कि तलाश के लिए पुलिस जगह-जगह छापेमारी कर रही है.
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