मुजफ्फरनगर दंगे के आरोप में दो वर्ष की सजा सुनाये जाने के बाद उच्चतम न्यायालय के आदेश के मद्देनजर मुजफ्फरनगर जिले के खतौली विधानसभा क्षेत्र के विधायक विक्रम सिंह सैनी (Vikram Singh Saini) की उत्तर प्रदेश विधानसभा की सदस्यता रद्द कर दी गयी है. सोमवार को विधानसभा सचिवालय ने इस सीट के रिक्त होने की अधिसूचना जारी कर दी है.
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बता दें कि अदालत ने विक्रम सैनी को मुजफ्फरनगर दंगे मामले में दो साल की सजा सुनाई थी. साथ ही 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था.
यूपी विधानसभा सचिवालय ने सोमवार को मुजफ्फरनगर की खतौली विधानसभा सीट रिक्त घोषित कर दी है. एमपी-एमएलए कोर्ट से सजा होने के कारण उनकी सदस्यता 11 अक्टूबर से ही निरस्त मानी गई है. बता दें कि रामपुर विधानसभा रिक्त होने की घोषणा के एक हफ्ते बाद ही विधानसभा सचिवालय ने सोमवार को खतौली विधानसभा सीट भी रिक्त घोषित कर दी.सजा पाए जाने के बाद विक्रम सैनी की सदस्यता को लेकर बाद यूपी में सियासत गरमा गई थी.
बीते दिनों जिस तरह से हेट स्पीच के मामले में सजा पाए सपा के कद्दावर नेता आजम खान की सदस्यता रद्द की गई थी ये सभी ने देखा था. इस मामले के सामने आने के बाद जयंत चौधरी (Jayant Singh) ने विधानसभा अध्यक्ष को खत लिखकर विक्रम सैनी की सदस्यता पर सवाल उठाए थे क्योंकि उन्हें भी 2 साल की सजा अदालत ने दी थी. जयंत के पत्र के बाद इस मामले ने तूल पकड़ लिया था.
आपको बता दें कि अगस्त 2013 में मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) के कवाल गांव में दंगा हुए थे. इस मामले में पुलिस ने भाजपा विधायक विक्रम सैनी सहित 28 लोगों पर धारा 147, 148, 149, 307, 336, 353, 504 और 506 के तहत मुकदमा दर्ज किया था. 12 अक्टूबर को एमपी-एमएलए कोर्ट ने विधायक विक्रम सैनी सहित 12 लोगों को दोषी करार देते हुए सभी को दो-दो साल की सजा और 10-10 हजार रुपये का आर्थिक दंड लगाने का आदेश दिया था.
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