बाल दिवस 2024: क्यों मनाया जाता है 14 नवंबर को? जानें इसका इतिहास और महत्व

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14 Nov 2024 (अपडेटेड: 14 Nov 2024, 01:23 PM)

Children Day 2024: भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन (14 नवंबर ) के मौके पर हर साल बाल दिवस मनाया जाता है. पंडित जवाहरलाल नेहरू को बच्चों से बहुत लगाव था और बच्चे भी उन्हें चाचा नेहरू कहकर बुलाते थे. बच्चों के लिए चाचा नेहरु के इसी प्यार की वजह से उनकी जयंती को बाल दिवस के रूप में मनाया जाने लगा.

children's day Special

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Children's Day 2024: भारत के पहले प्रधानमंत्री Pandit Jawaharlal Nehru  के जन्मदिन (14 नवंबर ) के मौके पर हर साल बाल दिवस मनाया जाता है. पंडित जवाहरलाल नेहरू को बच्चों से बहुत लगाव था और बच्चे भी उन्हें चाचा नेहरू कहकर बुलाते थे. बच्चों के लिए चाचा नेहरु के इसी प्यार की वजह से उनकी जयंती को Bal Diwas के रूप में मनाया जाने लगा. बाल दिवस का दिन स्कूल के स्टूडेंट्स के लिए काफी स्पेशल होता है. आज के दिन सभी स्कूलों में कल्चरल प्रोग्राम और खेलकूद की प्रतियोगिता आयोजित की जाती है. इसके साथ ही बच्चों को मिठाईयां और चॉकलेट्स भी बांटी जाती हैं.

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14 नवंबर को ही क्यों मनाया जाता है बाल दिवस?

Pandit Jawaharlal Nehru का बच्चों के प्रति स्नेह और उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए उनका दृष्टिकोण उन्हें बच्चों के बीच प्रिय बना देता था. उनका मानना था कि बच्चे देश की असली शक्ति हैं और उन्हें प्यार और ध्यान के साथ पोषित किया जाना चाहिए. उनके इसी विचार और बच्चों के प्रति अटूट प्रेम के कारण उनके निधन के बाद 1964 में 14 November को भारत में Bal Diwas के रूप में घोषित किया गया.

बाल दिवस का महत्व

Bal Diwas History: बाल दिवस केवल एक दिन की खुशी नहीं बल्कि यह इस बात की याद दिलाता है कि बच्चे हमारे देश के भविष्य के निर्माता हैं. इस दिन को खास बनाने के लिए स्कूलों में सांस्कृतिक कार्यक्रम, खेलकूद, और कहानी-सत्र जैसे विशेष आयोजन किए जाते हैं.  इसके साथ ही बच्चों को  मिठाइयां भी बांटी जाती हैं, जिससे यह दिन बच्चों के लिए यादगार बन जाता है.


Bal Diwas मनाने के पीछे का कारण

1964 में Pandit Jawaharlal Nehru के निधन के बाद भारतीय संसद ने उनके जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया. चाचा नेहरू की याद में, भारत हर साल 14 November को बाल दिवस मनाता है. पंडित Nehru का मानना था कि देश के विकास का आधार बच्चों पर आधारित होना चाहिए.  यह दिन बच्चों की शिक्षा, उनके अधिकार और उनके बेहतर भविष्य के प्रति जागरूकता फैलाता है ताकि देश के विकास में उनकी अहम भूमिका सुनिश्चित की जा सके.


विश्व बाल दिवस का इतिहास

शुरुआत में भारत 20 November को बाल दिवस के रूप में मनाता था जो Universal Children's Day के आधार पर था. इसे पहली बार 1954 में अंतर्राष्ट्रीय एकता और बच्चों के अधिकारों के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए मनाया गया था. हालांकि पंडित नेहरू के निधन के बाद भारत ने उनका जन्मदिन बाल दिवस के रूप में मनाना शुरू किया.

बाल दिवस पर पंडित नेहरू का प्रेरणादायक उद्धरण

“आज के बच्चे कल का भारत बनाएंगे. उन्हें जिस तरह से तैयार करेंगे, वही देश का भविष्य तय करेगा.” – पंडित जवाहरलाल नेहरू


 

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