देशभर के थर्मल प्लांट्स में कोयले की आपूर्ति बाधित हुई है. इस वजह से बिजली संकट की बड़ी आशंका खड़ी हो गई है. सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी ऑफ इंडिया के आंकड़ों के मुताबिक 5 अक्टूबर तक कोयले का इस्तेमाल कर बिजली उत्पादन करने वाले देश के 135 थर्मल प्लांट्स में से करीब 80 फीसदी यानी 106 प्लांट्स कोयले की कमी या भारी कमी की स्थिति से जूझ रहे हैं. इसका असर यूपी के थर्मल प्लांट्स पर भी पड़ा है. यूपी के उर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने इस संबंध में ट्वीट कर जानकारी दी है.
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श्रीकांत शर्मा ने ट्वीट में लिखा है, ‘प्रिय उपभोक्ता, विभिन्न कारणों से विद्युत उत्पादन इकाइयों में कोयले की आपूर्ति बाधित हुई है, जिससे निर्बाध विद्युत आपूर्ति में व्यवधान आ रहा है. आपको हो रही असुविधा के लिए खेद है. यह समस्या जल्द दूर कर आपूर्ति सामान्य की जाएगी.’
उन्होंने दूसरे ट्वीट में लिखा, ‘संयुक्त सचिव, कोयला मंत्रालय की अध्यक्षता में गठित सब ग्रुप, सप्ताह में दो बार कोल आपूर्ति की निगरानी कर रहा है. केंद्र सरकार व कोल इंडिया लिमिटेड के सहयोग से आपूर्ति सामान्य करने के प्रयास किए जा रहे हैं. अन्य स्रोतों से बिजली खरीद की जा रही है.’
यूपी में क्या है कोयला बेस्ड थर्मल पावर प्लांट्स की स्थिति
उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल के अधिकतर कोल बेस्ड थर्मल प्लांट्स कोयले की कमी से जूझ रहे हैं. यूपी में 19 कोल बेस्ड प्लांट्स में 17 की स्थिति क्रिटिकल है. 5 अक्टूबर 2021 की स्थिति के मुताबिक इन प्लांट्स में रोजाना इस्तेमाल के अनुमान के हिसाब 7 दिनों से कम का रिजर्व कोयला बचा है.
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