विवादों के बाद आखिरकार उत्तर प्रदेश के जल शक्ति विभाग में दोनों राज्यमंत्रियों के कार्यों का बंटवारा कर दिया गया है. बता दें कि पिछले दिनों राज्यमंत्री दिनेश खटीक (Dinesh Khatik) ने इसी मुद्दे पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) को पत्र लिख इस्तीफे की पेशकश तक कर दी थी.
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जल शक्ति विभाग के दोनों राज्य मंत्री दिनेश खटीक और रामकेश निषाद (Ramkesh Nishad) को बाढ़ नियंत्रण के अंतर्गत नालियों, नहरों, बैराजों का निरीक्षण और समीक्षा, परती भूमि के निरीक्षण आदि कार्य दिए गए हैं. दोनों मंत्रियों को बांध पुनर्स्थापना और सुरक्षा एक्ट की समीक्षा की भी जिम्मेदारी सौंपी गई है.
दोनों मंत्रियों को मंडल बांट दिए गए हैं. रामकेश निषाद को लखनऊ, प्रयागराज, आज़मगढ़ , देवीपाटन,बस्ती, गोरखपुर, वाराणसी, फैजाबाद, विंध्याचल मंडल दिए गए हैं. वहीं दिनेश खटीक को सहारनपुर, मेरठ, मुरादाबाद, अलीगढ़,आगरा, कानपुर ,झांसी, मिर्जापुर बरेली मंडल के कार्य दिए गए हैं.
बता दें कि दिनेश खटीक के द्वारा उठाए गए सवालों के बाद खटीक की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात हुई थी. इस मुलाकात में कैबिनेट मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह भी मौजूद थे.
मुलाकात के बाद दिनेश खटीक ने कहा था कि उनकी संभावित समस्याओं का समाधान हुआ है, सीएम योगी ने कार्रवाई की बात की है और वो अपने विभाग में काम करते रहेंगे.
गौरतलब है कि राज्य मंत्री दिनेश खटीक ने विभागीय अधिकारियों द्वारा अनदेखी किए जाने का आरोप लगाते हुए अपने पद से इस्तीफे की पेशकश की थी. खटीक ने अमित शाह को पत्र लिखकर इस्तीफे की इच्छा जाहिर की थी. उन्होंने इस पत्र की एक कॉपी सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राजभवन को भी भेजी थी.
पत्र में दिनेश खटीक ने आरोप लगाते हुए कहा था कि जल शक्ति विभाग में दलित समाज का राज्य मंत्री होने के कारण उनकी किसी भी आदेश पालन नहीं हो रहा और कोई कार्रवाई नहीं की जाती है.
दिनेश खटीक ने इस पत्र में आरोप लगाया था कि दलित होने की वजह से विभाग में उनकी सुनवाई नहीं होती और न ही किसी बैठक की सूचना उन्हें दी जाती है.
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