इटावा में खतरे के निशान से ऊपर बह रही चंबल नदी, किनारे के खेत डूबे, बाढ़ का संकट बढ़ा

अमित तिवारी

19 Aug 2022 (अपडेटेड: 14 Feb 2023, 09:01 AM)

इटावा में बाढ़ का संकट गहराने लगा है. चंबल और यमुना का जलस्तर बढ़ने से नदी के किनारे सटे गांवों में स्थिति बिगड़ने का खतरा…

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इटावा में बाढ़ का संकट गहराने लगा है. चंबल और यमुना का जलस्तर बढ़ने से नदी के किनारे सटे गांवों में स्थिति बिगड़ने का खतरा है.

चंबल नदी अब खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. कोटा बैराज से पानी छोड़े जाने पर चंबल नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है.

चंबल नदी का चेतावनी लेवल 119.80 मीटर और खतरे का जल स्तर 120.80 मीटर है. चंबल इस समय 121.42 मीटर को पार कर चुकी है.

लगातार जलस्तर बढ़ने से नदी के किनारे कई गांव में बाढ़ का संकट गहरा गया है. नीचे के सभी खेत डूब गए हैं.

कुछ गांव के मार्गों में पानी भी भर गया है, जिनमें प्रमुख तौर पर बसवारा गांव का मुख्य मार्ग है. यहां पानी भरने से आवागमन बाधित हो गया है.

बसवारा गांव के शिवम का कहना है कि उनके खेतों में चंबल नदी का पानी भर गया है. बाजरा, सरसों की बुआई होनी थी, लेकिन पानी भरने से फसल रुक गई.

गांव के बुजुर्ग निवासी शिव नारायण ने बताया कि पिछले साल भी बाढ़ के पानी से लगभग एक महीना तक रास्ता बंद हो गया था. फिर वैसे हालात बन रहे हैं.

वहीं उदी गांव में बनी गाद विश्लेषण प्रयोगशाला के सुपरवाइजर मनीष जैन ने भी बताया है कि चंबल नदी में पानी का बहाव खतरे के स्तर को पार कर गया है.

सुपरवाइजर मनीष ने यह भी बताया है कि आने वाले समय में चंबल नदी में पानी के और भी बढ़ने की आशंका है.

प्रयागराज में उफान पर गंगा-यमुना.

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