इलाहाबाद उच्च न्यायालय (Allahabad High Court) ने मथुरा में बांके बिहारी मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं को सुविधाएं प्रदान करने के संबंध में राज्य सरकार से मंगलवार को उसका रुख स्पष्ट करने को कहा.
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मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति जे. जे. मुनीर की पीठ ने मथुरा के आनंद शर्मा और एक अन्य व्यक्ति द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया और इस मामले में सुनवाई की अगली तारीख 17 नवंबर, 2022 निर्धारित की.
राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता ने अदालत को सूचित किया कि सरकार श्रद्धालुओं को सुविधाएं देने के लिए बांके बिहारी मंदिर के पास पांच एकड़ भूमि का अधिग्रहण करके वहां गलियारा (कॉरिडोर) का निर्माण करने की योजना बना रही है.
उल्लेखनीय है कि गोस्वामी परिवार द्वारा अदालत में पक्षकार बनाए जाने का प्रार्थना पत्र दिया गया है और साथ ही इस योजना पर यह कहते हुए आपत्ति की गई है कि यह एक निजी मंदिर है और सरकार द्वारा इसमें किसी हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है.
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