वर्ष 2021 में महिलाओं के खिलाफ घरेलू हिंसा, खासकर पति और ससुराल पक्ष की तरफ से की गई हिंसा के सबसे अधिक मामले जहां पश्चिम बंगाल में दर्ज किए गए हैं वहीं इस मामले में उत्तर प्रदेश दूसरे नंबर पर है. यह खुलासा राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो(एनसीआरबी) की नवीनतम रिपोर्ट में हुआ है
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एनसीआरबी के मुताबिक पश्चिम बंगाल में पिछले साल भारतीय दंड संहिता की धारा 498ए के तहत 19,952 मामले दर्ज किए गए. इस धारा को दहेज विरोधी कानून भी कहा जाता है, जिसके तहत पति और ससुराल पक्ष द्वारा महिला के खिलाफ हिंसा करने पर कार्रवाई की जाती है. इसके बाद यूपी में सबसे अधिक 18,375 मामले दर्ज हुए. राजस्थान का स्थान तीसरा रहा जहां पर इस धारा के तहत 16,949 मामले पिछले साल दर्ज किए गए.
इस सूची में गोवा सबसे निचले स्थान पर है, जहां पर पिछले साल घरेलू हिंसा का केवल एक मामला दर्ज किया गया, जबकि सिक्किम में इस धारा के तहत केवल दो शिकायतें दर्ज की गईं.
केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक पश्चिम बंगाल में प्रति एक लाख महिलाओं में से औसतन 41.50 महिला घरेलू हिंसा का शिकार हुईं जबकि राष्ट्रीय औसत प्रति एक लाख पर 20.50 महिला का है.
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