BHU गैंगरेप आरोपी हों या रितिक पांडे को मारने वाले दबंग... यूपी में इनपर नहीं चला बुलडोजर

संतोष शर्मा

• 06:12 PM • 02 Sep 2024

यूपी में योगी आदित्यनाथ सरकार को एक तरह से बुलडोजर एक्शन की शुरुआत का श्रेय दिया जाता है. पर कई आपराधिक मौके ऐसे आए जहां बुलडोजर एक्शन की मांग के बावजूद बुलडोजर नहीं मिला. विपक्ष ने तब ये आरोप लगाए कि सरकार राजनीतिक हित साधने के लिए बुलडोजर एक्शन लेती है. आइए आपको उन बड़ी वारादातों के बारे में बताते हैं, जिनपर बुलडोजर एक्शन नहीं हुआ. 

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एक बार फिर से बुलडोजर एक्शन चर्चा में है. असल में सुप्रीम कोर्ट ने अलग-अलग आपराधिक मामलों के आरोपियों के घर पर बुलडोजर चलाने की कार्रवाई के खिलाफ दाखिल याचिका पर सख्त टिप्पणी की है. यह याचिका जमीयत उलेमा ए हिंद की ओर से दाखिल की गई थी. याचिका में सरकारों द्वारा मनमाने तरीक़े से आरोपियों के घर बुलडोज़र चलाने पर रोक लगाने की मांग की है. याचिका में हाल में यूपी, मध्यप्रदेश और राजस्थान में बुलडोज़र चलाने की घटनाओं का ज़िक्र करते हुए अल्पसंख्यक समुदाय को निशाना बनाने का आरोप लगाया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने इसपर सुनवाई करते हुए पूछा है कि, 'पूछा कि किसी का घर सिर्फ इसलिए कैसे ध्वस्त किया जा सकता है क्योंकि वह आरोपी है.' सर्वोच्च अदालत ने यह भी कहा कि, अगर कोई व्यक्ति दोषी भी है तो भी कानून द्वारा निर्धारित प्रक्रिया का पालन किए बिना उसके घर को ध्वस्त नहीं किया जा सकता.

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यूपी में योगी आदित्यनाथ सरकार को एक तरह से बुलडोजर एक्शन की शुरुआत का श्रेय दिया जाता है. पर कई आपराधिक मौके ऐसे आए जहां बुलडोजर एक्शन की मांग के बावजूद बुलडोजर नहीं मिला. विपक्ष ने तब ये आरोप लगाए कि सरकार राजनीतिक हित साधने के लिए बुलडोजर एक्शन लेती है. आइए आपको उन बड़ी वारादातों के बारे में बताते हैं, जिनपर बुलडोजर एक्शन नहीं हुआ. 

 

 


1- उन्नाव रेप कांड

साल 2017 में योगी सरकार आते ही सबसे पहला राजनैतिक बवंडर उठा वो उन्नाव का रेप कांड था. भाजपा के तत्कालीन विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर रेप का आरोप लगा. पीड़िता को FIR लिखवाने के लिए लखनऊ में मुख्यमंत्री आवास पर आत्मदाह करना पड़ा. बाद में कुलदीप सिंह सेंगर की गिरफ्तारी हुई. सीबीआई जांच हुई और कुलदीप सिंह सेंगर को उम्र कैद की सजा सुना दी गई. सालों चले इस घटनाक्रम में कुलदीप सिंह सेंगर या उनसे जुड़े किसी भी व्यक्ति के घर पर बुलडोजर नहीं चला. 

2- बीएचयू गैंगरेप केस 

बीते साल नवंबर 2023 में बीएचयू IIT कैंपस में छात्रा के साथ गन पॉइंट पर कथित तौर पर बीजेपी के आईटी सेल से जुड़े तीन लड़कों ने छेड़खानी की,वीडियो बनाकर धमकाया, उनपर गैंगरेप के आरोप लगे. छात्रों ने कई दिन प्रदर्शन किया ,BHU जैसे संस्थान में महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल खड़े होने लगे तो तीनों आरोपियों कुणाल पांडे, अभिषेक चौहान और सक्षम पटेल को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. आरोपियों की गिरफ्तारी हुई, तो बीजेपी नेताओं से कनेक्शन की तस्वीर सामने आने लगी. इनमें से किसी भी आरोपी के घर पर बुलडोजर एक्शन देखने को नहीं मिला. दो आरोपी कुणाल पांडे और अभिषेक चौहान की हाई कोर्ट इलाहाबाद से जमानत हो चुकी है. सक्षम पटेल की जमानत पर सितंबर महीने में ही सुनवाई होगी. 

3- रितिक पांडे हत्याकांड

23 जुलाई को लखनऊ के मंत्र थाना क्षेत्र में रहने वाले रितिक पांडे की गांव को ही दबंग हिमांशु सिंह, प्रियांशु सिंह, अवनीश सिंह, प्रत्यूष सिंह और सनी सिंह ने मामूली विवाद में पीट-पीटकर हत्या कर दी. कई दिनों तक परिजनों ने धरना प्रदर्शन किया तो नामजदा आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया. आरोपियों के सरोजिनी नगर सीट से भाजपा विधायक के राजेश्वर सिंह के करीबी होने की तस्वीर सामने आई. किसी के घर पर बुलडोजर नहीं चला. 

4- कानपुर में अपराधी को पुलिस कस्टडी से भगाने वाला केस

कानपुर में 2 जून 2021 को शातिर अपराधी मनोज सिंह को बीजेपी के पदाधिकारी रहे नारायण सिंह भदौरिया ने पुलिस कस्टडी से भगा दिया. पुलिस को नारायण सिंह भदोरिया के ऊपर 25000 का इनाम घोषित करना पड़ा. बीजेपी की किरकिरी होने लगी तो पार्टी से निष्कासित कर दिया. लेकिन नारायण सिंह भदोरिया पर बुलडोजर एक्शन नहीं लिया गया. 

5- बीजेपी नेता पर जमीने कब्जाने का आरोप, किसान ने दी थी जान

कानपुर में 9 सितंबर 2023 को किसान बाबू सिंह सुसाइड केस में बीजेपी नेता आशु दिवाकर मुख्य आरोपी रहा. कानपुर पुलिस ने एक लाख का इनाम तक घोषित किया. पुलिस टीमें आशु दिवाकर की गिरफ्तारी के लिए लगी रहीं, लेकिन गिरफ्तार नहीं कर पाईं. हाई कोर्ट से आशु दिवाकर अपनी गिरफ्तारी पर स्टे ले आया. चकेरी थाना क्षेत्र के चकेरी गांव में रहने वाले बाबू सिंह यादव किसान थे. किसान की लगभग 10 बीघा जमीन थी. आरोप हैं कि आशु दिवाकर ने उनकी 6 बीघा जमीन का साढ़े 6 करोड़ में सौदा तय किया था. किसान का आरोप था कि उसे एक होटल में बुलाकर आशु ने जमीन अपने नाम करा ली थी. इसके बदले में 6.20 करोड़ का चेक दिया और 7 लाख रुपए नकद दिए थे. इसके बाद चेक में गलती होने की बात कह कर चेक वापस ले लिया. फिर चेक वापस नहीं दिया और उस जमीन पर प्लाटिंग शुरू कर दी. इससे आहत होकर किसान ने सीएम के नाम पत्र लिखकर 9 सितंबर, 2023 को ट्रेन के सामने कूदकर आत्महत्या कर ली थी. 

6- BJP पार्षद पर सिख कारोबारी की आंख फोड़ने का आरोप

कानपुर में 23 सितंबर 2023 को बीजेपी पार्षद अंकित शुक्ला ने अपने नेताओं के साथ एक सिख व्यापारी के साथ मारपीट की. इसमें व्यापारी की एक आंख खराब हो गई. इलाज के लिए दिल्ली ले जाना पड़ा. अंकित शुक्ला व अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए कई जगह प्रदर्शन हुए. आरोपी की गिरफ्तारी हुई लेकिन कुछ समय बाद में जमानत पर छूट गया. इस मामले में भी बुलडोजर एक्शन नहीं हुआ. 

7- हिंदूवादी संगठन के लोगों पर सब इंस्पेक्टर सुबोध सिंह की हत्या का आरोप 

साल 2018 में बुलंदशहर में स्याना इलाके में गो तस्करी के मामले में सब इंस्पेक्टर सुबोध सिंह की हिंदूवादी संगठन से जुड़े लोगों ने पीट-पीट कर हत्या कर दी. एक सब इंस्पेक्टर की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया, लेकिन बुलडोजर एक्शन यहां भी नहीं हुआ. 

8. कांवड़ यात्रा के दौरान हुई हिंसा पर बुलडोजर एक्शन लेने वाले SSP हटाए गए

बीते साल जुलाई 2023 में बरेली में कांवड़ यात्रा के दौरान दूसरे संप्रदाय के इलाके से यात्रा निकलने की कोशिश पर हिंसा हुई. शहर का माहौल खराब करने वालों पर बुलडोजर एक्शन की वजह एसएसपी बरेली प्रभाकर चौधरी को ही हटा दिया गया था. 

9- अजय मिश्रा टेने के बेटे पर किसानों को जीप से रौंदने का आरोप

3 अक्टूबर 2021 को लखीमपुर के तिकुनिया में तत्कालीन गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा उर्फ मोनू ने किसानों को अपनी थार जीप से रौंद डाला. इसमें कोई बुलडोजर एक्शन नहीं हुआ.

(रौशन जायसवाल की रिपोर्ट)

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