Karwa Chauth Moon Time: करवा चौथ भारत और दुनिया भर में विवाहित महिलाओं द्वारा मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण हिंदू त्यौहार है. करवा चौथ का पर्व हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है. इस साल करवा चौथ 2024 का पर्व 20 अक्टूबर को मनाई जा रही है. इसे करक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है, 'करवा' या 'करक' शब्द का अर्थ मिट्टी के बर्तन से है जिसका इस्तेमाल चंद्रमा को जल चढ़ाने के लिए किया जाता है. इस प्रक्रिया को अर्घ भी कहा जाता है. करवा चौथ उत्सव में मिट्टी के बर्तन का बहुत महत्व होता है. इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते हुए पूरे दिन निर्जला व्रत रखती हैं और रात को चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत खोलती हैं. करवा चौथ के दिन चंद्रोदय (चंद्रमा के उगने का समय) का विशेष महत्व होता है, क्योंकि महिलाएं इसी समय चंद्रमा के दर्शन कर अपने व्रत का समापन करती हैं.
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आइए जानते हैं लखनऊ और देश के बड़े शहरों में करवा चौथ के लिए चंद्रोदय का समय और व्रत से जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां.
20 अक्टूबर 2024 को करवा चौथ पर शहरवार चंद्रोदय का अनुमानित समय
- लखनऊ: शाम 7:42 बजे
- नई दिल्ली: शाम 7:53 बजे
- मुंबई: शाम 8:36 बजे
- कोलकाता: शाम 7:22 बजे
- बेंगलुरु: शाम 8:30 बजे
- चेन्नई: शाम 8:18 बजे
- जयपुर: शाम 7:54 बजे
- पुणे: शाम 8:56 बजे
- वेल्लोर: शाम 8:25 बजे
- गुड़गांव: शाम 7:55 बजे
- गांधीनगर: शाम 8:28 बजे
- भोपाल: शाम 8:07 बजे
- पटना: शाम 7:29 बजे
- रांची: शाम 7:35 बजे
- रायपुर: शाम 7:43 बजे
- भुवनेश्वर: शाम 7:40 बजे
- चंडीगढ़: शाम 7:48 बजे
- जम्मू: शाम 7:52 बजे
- शिमला: शाम 7:45 बजे
- देहरादून: शाम 7:24 बजे
- मदुरै: शाम 8:36 बजे
- गंगटोक: शाम 8:40 बजे
- ईटानगर: शाम 6:50 बजे
- शुभ मुहूर्त: शाम 8:24 बजे
- कोहिमा: शाम 8:13 बजे
- इंफाल: शाम 6:55 बजे
- आइजोल: शाम 7:03 बजे
- अगरतला: शाम 7:10 बजे
- शिलांग: शाम 7:02 बजे
- पणजी: शाम 8:39 बजे
- हैदराबाद: शाम 7:43 बजे
- श्रीनगर: शाम 7:48 बजे
- पुडुचेरी: शाम 8:24 बजे
ध्यान दें: Karwa Chauth Moon time in UP:आपके शहर में चंद्रोदय का समय मौसम और स्थानीय भौगोलिक स्थिति के मुताबिक थोड़ा आगे-पीछे भी हो सकता है. इसलिए, महिलाओं को सलाह दी जाती है कि वे अपने शहर के सटीक समय के अनुसार चंद्रमा के निकलने का इंतजार करें. कुछ जगहों पर मौसम के कारण चंद्रमा के दर्शन में देरी हो सकती है.
करवा चौथ व्रत का महत्व और पूजन विधि
Karwa Chauth Moon Time in UP: द्रिक पंचांग के अनुसार इस साल करवा चौथ 20 अक्टूबर रविवार को बड़े उत्साह के साथ मनाया जा रहा है. चतुर्थी तिथि 20 अक्टूबर को सुबह 6:46 बजे शुरू है और 21 अक्टूबर को सुबह 4:16 बजे समाप्त होगी. करवा चौथ व्रत केवल एक परंपरा नहीं है, बल्कि यह पति-पत्नी के बीच प्रेम और समर्पण का प्रतीक है. इस व्रत को लेकर महिलाओं में खासा उत्साह होता है. दिन की शुरुआत से ही महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं, पूजा की तैयारी करती हैं और सांझ को करवा माता और शिव-पार्वती की पूजा करती हैं. पूजा के बाद महिलाएं चंद्रमा को अर्घ्य देती हैं और फिर अपने पति के हाथों से जल ग्रहण कर व्रत खोलती हैं.
करवा चौथ के दिन महिलाएं पारंपरिक वेशभूषा धारण करती हैं और सोलह श्रृंगार करती हैं. करवा चौथ की पूजा का समापन चांद को अर्घ्य देने से होता है. इसलिए चंद्रमा के निकलने से पहले पूजा की सभी तैयारियां कर लेनी चाहिए. यह प्रक्रिया पारंपरिक विधि से की जाती है, जिसमें चांद को जल चढ़ाने का खास महत्व होता है. करवा चौथ की पूजा के लिए जरूरी सामग्री जैसे दीपक, चावल, रोली, करवा, जल से भरा कलश, और छलनी तैयार रखें. पूजा की थाली को अच्छे से सजाएं, जिसमें मिठाई और सिंदूर भी रखें. चंद्रमा को अर्घ्य देने के समय सफेद या पीले फूल का उपयोग करना शुभ माना जाता है.
जैसे ही चांद उदित होता है, महिलाएं अपने परिवार के साथ आंगन या छत पर जाकर चांद के दर्शन करती हैं. महिलाएं छलनी से चांद को देखती हैं और फिर अपने पति को देखकर मन ही मन उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं. जब चंद्रमा के दर्शन करें, तो पानी से भरे तांबे के लोटे में एक दीपक रखें और उसी लोटे से चंद्रमा को अर्घ्य दें. इससे दंपति के बीच प्रेम बढ़ता है और खुशहाली आती है. अर्घ्य देते समय महिलाओं को सिर पर पल्लू लेकर खड़ा होना चाहिए और पूरे सम्मान के साथ भगवान चंद्र को जल अर्पित करना चाहिए.
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