शादी, मुंडन संस्कार के लिए क्या है शुभ मुहूर्त की तारीख, इस दिन होने जा रहा गुरु और शुक्र तारे का उदय

यूपी तक

• 12:50 PM • 05 Jul 2024

हिंदू धर्म में सभी कार्यों को शुभ मुहुर्त में करने की मान्यता है. फिर चाहे वो शादी हो,  मुंडन संस्कार या हो कोई त्योहार. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार  जब गुरू और शुक्र तारा का उदय होता है वह मुहूर्त शुभ माना जाता है.

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हिंदू धर्म में सभी कार्यों को शुभ मुहुर्त में करने की मान्यता है. फिर चाहे वो शादी हो,  मुंडन संस्कार या हो कोई त्योहार. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार  जब गुरू और शुक्र तारा का उदय होता है वह मुहूर्त शुभ माना जाता है.  इस दौरान सभी वैवाहिक और मांगलिक कार्यक्रम किए जाते हैं.  श्रीकैलख ज्योतिष एवं वैदिक संस्थान ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत रोहित शास्त्री ज्योतिषाचार्य के मुताबिक, इस साल शुक्र तारा 24 अप्रैल से अस्त हुआ था जिसका 7 जुलाई रविवार को  सुबह 7 बजकर 2 मिनट पर पश्चिम में  उदय होगा.  ऐसे में 7 जुलाई के बाद से ही शुभ मुहूर्त में विवाह आदि मांगलिक कार्य शुरू होंगे.

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7 जुलाई के बाद शुरू हो जाएंगे शुभ कार्य

महंत रोहित शास्त्री के मुताबिक, गुरू और शुक्र तारा अस्त के दौरान आप सगाई, मंगनी आदि का काम शुभ मुहूर्त में कर सकते हैं.  खगोल के मुताबिक सूर्य पृथ्वी के सबसे नजदीक का तारा है जो अपने ही प्रकाश से चमकता है. जबकि अन्य ग्रह सूर्य के प्रकाश से ही प्रकाशित होते हैं. भारतीय ज्योतिष में गुरु एवं शुक्र ग्रह को तारा माना गया है.

बता दें कि गुरु एवं शुक्र अस्त के दिनों में विवाह, गृहप्रवेश, मुंडन संस्कार, शपथ ग्रहण करना,शिलान्यास,व्रत उद्यापन (मोख),यगोपवीत संस्कार आदि शुभ मांगलिक कार्य करना बिल्कुल मना है. इसी तरह स्वयंवर के लिए भी गुरु व शुक्र के अस्त का समय त्याज्य माना गया है. कोई व्यक्ति पुनर्विवाह करे तो गुरु व शुक्र के अस्त,वेध,लग्न शुद्धि, विवाह विहित मास आदि का कोई दोष नहीं लगता.

पुराने या मरम्मत किए गए मकान में गृह प्रवेश करना गुरु एवं शुक्र के अस्त काल का विचार नहीं किया जाता अर्थात जीर्णोद्धार वाले मकान बनाने के लिए गुरु व शुक्र अस्त काल में प्रवेश कर सकते हैं. ऐसा माना जाता है कि शुक्र के अस्त होने पर यात्रा करने से दुश्मन भी जातक के वशीभूत होते हैं. ऐसे में दुश्मन से सुलह हो जाती है.

तारा उदय होने के बाद विवाह के मुहूर्त इस प्रकार हैं

जुलाई-  11,12,14,19,20,21,22,23,27,30 और 31.

अगस्त-  5,6,7,8,11,13,19,23,24,26, 27और 28.

सितंबर-  4,7,8,9,10,11,12, 13 और 14.

अक्टूबर-  3,6,7,11,12,20,21,26,27 और 28.

नवंबर-  3,4,6,9,10,14,17,18,22,23,2425,26 और 27.

दिसंबर-  5,6, 7 और 11.

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