श्रीकृष्ण जन्मस्थान और शाही ईदगाह मामले (Shree Krishna Shahi Idgah Vivad) में आज सुनवाई होनी है. यह सुनवाई मथुरा जिला जज की अदालत में होनी है. आपको बता दें कि यह सुनवाई 24 दिसंबर को होनी थी, लेकिन उस दिन जिला जज उपस्थित नहीं थे इसलिए इस मामले की सुनवाई उस दिन नहीं हुई थी.
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बता दें कि याचिकाकर्ता वकील महेंद्र प्रताप सिंह ने अपनी अपील में श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर से शाही मस्जिद ईदगाह हटाने की मांग की है. इस पर सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत ने पहले इस मामले के सुनवाई योग्य होने के बिंदु पर सुनवाई कर अपील के खिलाफ फैसला दिया था. अब इसको चुनौती देते हुए वादी ने जिला जज के यहां अपील दायर की है.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दिया था ये आदेश
गौरतलब है कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर कुछ याचिकाकर्ता इलाहाबाद हाईकोर्ट भी पहुंचे थे. तब इलाहाबाद हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए निचली अदालत को चार महीने के भीतर ही इस मामले में सुनवाई पूरी करने का आदेश दिया था. इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद मामले की सुनवाई में तेजी आई है.
श्रीकृष्ण जन्मभूमि ईदगाह विवाद मामले में पिछले साल 8 दिसंबर 2022 को हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता और उपाध्यक्ष सुरजीत सिंह ने सिविल जज सीनियर डिवीजन (तृतीय) सोनिका वर्मा के न्यायालय में वाद दायर किया था. इस में श्री कृष्ण जन्मस्थान परिसर से शाही मस्जिद ईदगाह हटाने की मांग की गई थी. इस मामले में बीते 8 दिसंबर को कोर्ट ने अमीन रिपोर्ट का आदेश दिया था. श्रीकृष्ण जन्मस्थान मामले में अब तक 13 मुकदमे विभिन्न अदालतों में दाखिल हैं. इनमें दो मुकदमे खारिज भी हो चुके हैं.
दशकों से चल रहा है विवाद
आपको बता दें कि मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि शाही ईदगाह मस्जिद विवाद अदालतों में दशकों से चल रहा है. अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आने के बाद इन मुकदमों की फाइले एक बार फिर कोर्ट में उठ खड़ी हुई हैं.
मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि का ये विवाद यहां की कुल 13.37 एकड़ जमीन पर मालिकाना हक का लेकर है. 12 अक्टूबर 1968 को श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान और शाही मस्जिद ईदगाह ट्रस्ट के साथ हुए समझौते में 13.7 एकड़ जमीन पर मंदिर और मस्जिद दोनों रहने की बात तय हुई थी.
गौरतलब है कि श्रीकृष्ण जन्मस्थान के पास 10.9 एकड़ जमीन का मालिकाना हक है जबकि ढाई एकड़ जमीन का मालिकाना हक शाही ईदगाह मस्जिद के पास है. हिंदू पक्ष शाही ईदगाह मस्जिद को अवैध तरीके से कब्जा करके बनाया गया ढांचा बताता है और इस जमीन पर भी दावा करता है. हिंदू पक्ष की ओर से शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने और ये जमीन भी श्रीकृष्ण जन्मस्थान को देने की मांग की गई है.
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