सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने लखीमपुर खीरी हिंसा (Lakhimpur Kheri violence) से जुड़े एक मामले में आशीष मिश्रा द्वारा दायर जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए मंगलवार को उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी करके जवाब मांगा.
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आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) केन्द्रीय मंत्री अजय मिश्रा ‘टेनी’ के बेटे हैं और लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में मुख्य आरोपी हैं. उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के दौरे के विरोध में किसानों के प्रदर्शन के दौरान तीन अक्टूबर, 2021 को हुई इस हिंसा में आठ लोगों की मौत हुई थी.
उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी के अनुसार, घटना में चार किसानों की एक एसयूवी के नीचे कुचल कर मौत हो गई थी, जिसमें आशीष मिश्रा बैठे हुए थे. दुर्घटना के बाद गुस्से से भरे किसानों ने वाहन चालक और भाजपा के दो कार्यकर्ताओं की कथित रूप से पीट-पीट कर हत्या कर दी थी.
केन्द्र के तत्कालीन विवादित कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों और विपक्षी दलों के प्रदर्शनों के बाद हुई हिंसा में एक पत्रकार की भी मौत हुई थी. इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने 26 जुलाई को मिश्रा की जमानत यात्रिका खारिज कर दी थी.
उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली उनकी अर्जी पर न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी और न्यायमूर्ति एम. एम. सुन्दरेश की पीठ सुनवाई कर रही थी.
उच्चतम न्यायालय ने याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया और मामले की अगली सुनवाई की तारीख 26 सितंबर तय की.
लखीमपुर खीरी हिंसा: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आरोपी आशीष मिश्र की जमानत याचिका खारिज की
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