लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में आरोपी और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा की पुलिस रिमांड का गुरुवार 14 अक्टूबर को आखिरी दिन है. आशीष की रिमांड शुक्रवार, 15 अक्टूबर को सुबह 10 बजे खत्म हो जाएगी. खबर है कि जांच समिति तिकुनिया कांड का गुरुवार को सीन रीक्रिएशन सकती है, जिससे तस्वीर और साफ हो सके कि घटना किस तरह से अंजाम दी गई थी. जांच समिति यह भी जानने की कोशिश करेगी कि घटना के बाद आरोपी कैसे और किधर से भाग निकले, गाड़ियों में कौन और कहां बैठा हुआ था और गाड़ियां चला कौन रहा था.
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मिली जानकारी के अनुसार, पुलिस घटना का सीन रीक्रिएशन आज यानी शुक्रवार 14 अक्टूबर को करा सकती है क्योंकि आरोपी अंकित दास, शेखर और लतीफ की रिमांड खत्म होने में अभी समय है, लेकिन मुख्य आरोपी आशीष की रिमांड 15 अक्टूबर को सुबह दस बजे खत्म हो रही है. पुलिस सभी आरोपियों को एक साथ ले जाकर घटना का सीन रीक्रिएशन कराने की योजना बना रही है.
आपको बता दें कि बुधवार को पुलिस ने कोर्ट से यह कहते हुए आरोपी अंकित दास और लतीफ की रिमांड मांगी थी कि उसे घटना का सीन रीक्रिएशन कराना है. सुमित जायसवाल को छोड़कर तिकुनिया कांड के सभी प्रमुख आरोपी फिलहाल पुलिस की कस्टडी में हैं.
बता दें कि इससे पहले आशीष मिश्रा की जमानत याचिका को एक स्थानीय अदालत ने बुधवार, 13 अक्टूबर को नामंजूर कर दिया था.
आशीष मिश्रा के खिलाफ क्या हैं आरोप?
लखीमपुर खीरी जिले के तिकुनिया थाने में बहराइच जिले के नानपारा क्षेत्र बंजारन टांडा निवासी जगजीत सिंह ने आशीष और कुछ अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराया है.
तिकुनिया थाने में आशीष और अज्ञात लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं 147 (उपद्रव), 148 (घातक अस्त्र का प्रयोग), 149 (भीड़ हिंसा), 279 (सार्वजनिक स्थल पर वाहन से मानव जीवन के लिए संकट पैदा करना), 338 (दूसरों के जीवन के लिए संकट पैदा करना), 304 ए (किसी की असावधानी से किसी की मौत होना), 302 (हत्या) और 120 बी (साजिश रचने) के तहत मामला दर्ज किया गया है.
तहरीर में आरोप लगाया गया कि 3 अक्टूबर को समस्त क्षेत्रवासी किसान और मजदूर अजय कुमार मिश्रा और यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के खिलाफ काले झंडे दिखाने के लिए शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे थे और तभी आशीष और 15-20 अज्ञात और सशस्त्र लोग तीन चार पहिया वाहनों पर सवार होकर बनवीरपुर से सभास्थल की तरफ तेज गति से आए. आरोप लगाया गया है कि आशीष अपने वाहन में बायीं सीट पर बैठकर गोलीबारी करते हुए और भीड़ को रौंदते हुए आगे बढ़े.
हालांकि, इस मामले में आशीष मिश्रा ने दावा किया है कि घटना के वक्त वह काफिले की गाड़ियों में मौजूद नहीं थे.
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