उच्चतम न्यायालय द्वारा गैंगस्टर अधिनियम के एक मामले में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के नेता अफजाल अंसारी की दोषसिद्धि को सशर्त निलंबित किये जाने के बाद लोकसभा सचिवालय ने बृहस्पतिवार को अंसारी की अयोग्यता को रद्द कर दिया.
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शीर्ष अदालत ने पिछले साल दिसंबर में अंसारी की सजा को निलंबित करते हुए कहा था कि अंसारी सदन की कार्यवाही में भाग नहीं ले सकेंगे. उन्हें लोकसभा में मतदान में भाग लेने या भत्ते और आर्थिक लाभ लेने का भी अधिकार नहीं होगा. सांसद के रूप में अंसारी का दर्जा बहाल कर दिया गया है लेकिन अधिकार कम कर दिये गए हैं. वह संसद के आगामी बजट सत्र में भाग नहीं ले सकेंगे.
लोकसभा सचिवालय ने एक अधिसूचना में कहा कि उच्चतम न्यायालय ने लोकसभा में उत्तर प्रदेश के गाजीपुर संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे अफजाल अंसारी की दोषसिद्धि को कुछ शर्तों के साथ निलंबित कर दिया है.
अधिसूचना में कहा गया, ‘‘भारत के उच्चतम न्यायालय के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के मद्देनजर, अफजाल अंसारी की अयोग्यता (1 मई, 2023 को अधिसूचित)… भारत के उच्चतम न्यायालय द्वारा लगाई गई शर्तों के अनुरूप और आगे की न्यायिक घोषणा तक लागू नहीं होगी.’’
शीर्ष अदालत ने पिछले महीने उत्तर प्रदेश गैंगस्टर और असामाजिक गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1986 के तहत 2007 के एक मामले में अंसारी की दोषसिद्धि को सशर्त रूप से निलंबित कर दिया था और कहा था कि उनका गाजीपुर निर्वाचन क्षेत्र विधायिका में अपने वैध प्रतिनिधित्व से वंचित रहेगा क्योंकि वर्तमान लोकसभा के शेष कार्यकाल को देखते हुए चुनाव नहीं कराया जा सकता.
न्यायमूर्ति सूर्यकांत, न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने एक के मुकाबले दो से सुनाए गए बहुमत के फैसले में निर्देश दिया था कि गाजीपुर संसदीय क्षेत्र में तब तक जन प्रतिनिधित्व कानून के प्रावधानों के अनुसार उपचुनाव की अधिसूचना जारी नहीं की जाएगी जब तक उच्च न्यायालय दोषसिद्धि के खिलाफ अंसारी की अपील पर फैसला नहीं करता.
(भाषा के इनपुट्स के साथ)
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